बसपा सुप्रीमो मायावती ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान के भाई कासिफ जमील पर जानलेवा हमला और इलाहाबाद में वकील रवि तिवारी की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि ये घटनाएं यूपी में बढ़ते जंगलराज का प्रमाण है.
मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए मायावती ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार की अकर्मण्यता व इनके मंत्रियों की केवल बड़ी-बड़ी बयानबाजी और जुमलेबाजी का ही प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश में आज हर तरफ अव्यवस्था, अराजकता व हिंसा का राज व्याप्त है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी बेमानी साबित हो रही है. जिसकी वजह से आम लोगों का जीना दूभर हो गया है.
मायावती ने गोरखपुर के डॉ कफील के भाई पर जानलेवा हमले और इलाहाबाद में वकील की हत्या के मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है कि बीजेपी सरकार को जनसुरक्षा, जनहित व जनकल्याण पर ख़ास ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हालात और भी बदतर हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के मामले में सबसे पहले बीजेपी के लोगों पर ही सख्त कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि लचर व पक्षपाती सरकारी रवैये की वजह से आज बीजेपी का हर स्तर का नेता यह मानकर चल रहा है कि ‘संईया भाए कोतवाल तो अब डर काहे का.” इस सोच को हर हाल में रोकने की जरुरत है.
मायावती ने केंद्र सरकार के उस फैसले का भी विरोध किया जिसके तहत 10 विभागों में प्राइवेट लोगों को संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की प्रशासनिक विफलता है. यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है. इससे केंद्र में नीति निर्धारण के मामले में बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के प्रभाव को और भी ज्यादा बढ़ावा मिलेगा.