उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसों में विदेश फंडिंग (Foreign Funding in Madrassas) की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल, एसपी साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के डायरेक्टर जे. रीभा एसआईटी में शामिल हैं। एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता प्रदेश के सभी 25 हजार मदरसों की जांच होगी।
नेपाल सीमा पर तेजी से बढ़ी मदरसों की संख्या
प्रदेश सरकार को संदे है कि नेपाल सीमा से सटे जिलों में बीते कुछ वर्षों में मदरसों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की आशंका को बढ़ाती है। यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मदरसों को हो रही विदेश फंडिंग के गलत इस्तेमाल की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
बताया जा रहा है 4000 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को विदेशी फंडिंग की जानकारी सामने आई है। प्रदेश में 16513 मान्यता प्राप्त व 8500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं। सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी सभी 25 हजार मदरसों में हो रही विदेशी फंडिंग की सिलसिलेवार जांच करेगी। सभी मदरसों को नोटिस देकर फॉरेन करेंसी अकाउंट (ईईएफसी) के माध्यम से हो रहे लेनदेन की जानकारी मांगी जाएगी।
इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विदेशों से फंडिंग की जा रही है और फिर इस बात की जांच की जाएगी कि किन-किन देशों से रकम भेजी गई है और इसका इस्तेमाल किन गतिविधियों में किया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत के अलावा आसपास के कुछ अन्य जिलो में 500 से 1000 मदरसे संचालित हो रहे हैं।
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