5 कीमोथैरेपी के बाद बेहद कमजोर हो गए इरफान खान

 

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर इरफान खान इन दिनों न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से जूझ रहे हैं । वो लंदन में अपना इलाज करवा रहे हैं । इरफान की बीमारी को लेकर लंदन से एक बड़ी आई है । इरफान इस बीमारी की लड़ाई में आधी जंग जीत चुके हैं । 2-3 दिन बाद इरफान का छठा और आखिरी कीमो होगा । इससे पहले उनके 5 कीमो थैरेपी के सेशन हो चुके हैं ।

 

बता दें कि कीमोथैरेपी करने के बाद कैंसर ठीक होने की संभावना 70-80 फीसदी तक होती है । इरफान अपनी इस जंग को बड़ी ही जिंदादिली से लड़ रहे हैं । पांचवी कीमोथौरेपी के बाद उन्हें कमजोरी महसूस हुई थी । इसके चलते उन्हें 10-15 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कीमो के बाद मरीज में उल्टी, बाल झड़ना और कमजोरी जैसे लक्षण देखे जाते हैं ।

 

इरफान खान

 

छठे कीमो के बाद उनके पेट का स्कैन किया जाएगा । जिसमें ये पता चलेगा कि कैंसर कितना कम हुअा है । खबरों की मानें तो अब इरफान पूरी तरह से ठीक होकर जल्द ही भारत लौटेंगे । बॉलीवुड में सबकी दुआएं इरफान खान के साथ हैं । इरफान को 5 महीने पहले पता चला था कि उनको ये बीमारी है । इसके बाद वो अपना इलाज करवाने लंदन चले गए थे। समय-समय पर चिट्ठी लिख इरफान ने अपनी सेहत के बारे में फैंस को जानकारी भी दी ।

 

इरफान खान

 

इरफान क्रिकेट के शौकीन हैं । लंदन जाने के कुछ ही दिन बाद उन्हें लॉर्ड्स ग्राउंड में स्पॉट किया गया था । यहां इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच चल रहा था । इरफान की मैच देखते हुए तस्वीर भी खूब वायरल हुई थी । तस्वीर में वो बहुत कमजोर नजर आ रहे थे । उन्होंने किसी को ऑटोग्राफ और सेल्फी देने से भी मना कर दिया था । पिछले दिनों सामने आई उनकी एक चिट्ठी बेहद इमोशनल कर देने वाली थी।

 

इरफान खान

 

उन्होंने लिखा था, ‘कुछ महीने पहले अचानक मुझे पता चला कि मैं न्यूरोएन्डोक्राइन कैंसर से ग्रस्त हूं । यह शब्द मैंने पहली बार सुना था । जब मैंने इसके बारे में सर्च की तो पाया कि इस पर ज्यादा शोध नहीं हुए हैं । इसके बारे में ज्यादा जानकारी भी मौजूद नहीं थी । यह एक दुर्लभ शारीरिक अवस्था का नाम है और इस वजह से इसके उपचार की अनिश्चितता ज्यादा है । अभी तक मैं तेज रफ्तार वाली ट्रेन में सफर कर रहा था । मेरे कुछ सपने थे, कुछ योजनाएं थीं, कुछ इच्छाएं थीं, कोई लक्ष्य था।’

 

 

इरफान खान

 

‘फिर किसी ने मुझे हिलाकर जगा दिया । मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो टीसी था । उसने कहा आपका स्टेशन आ गया है । कृप्या नीचे उतर जाइए । मैं कंफ्यूज था । मैंने कहा- नहीं नहीं अभी मेरा स्टेशन नहीं आया । उसने कहा- नहीं आपको अगले किसी भी स्टॉप पर उतरना होगा । इस डर और दर्द के बीच मैं अपने बेटे से कहता हूं, ‘मैं किसी भी हालत में ठीक होना चाहता हूं । मुझे अपने पैरों पर वापस खड़े होना है । मुझे ये डर और दर्द नहीं चाहिए । कुछ हफ्तों के बाद मैं एक अस्पताल में भर्ती हो गया । बेइंतहा दर्द हो रहा है । इस डर और दर्द के बीच मैं अपने बेटे से कहता हूं, ‘मैं किसी भी हालत में ठीक होना चाहता हूं । मुझे अपने पैरों पर वापस खड़े होना है । मुझे ये डर और दर्द नहीं चाहिए । कुछ हफ्तों के बाद मैं एक अस्पताल में भर्ती हो गया । बेइंतहा दर्द हो रहा है ।’