भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे को आत्महत्या (Akanksha Dubey Case) के लिए उकसाने के मामले में सिंगर समर सिंह के दोस्त संजय सिंह (Sanjay Singh) को भी पुलिस ने बुधवार की देर शाम गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। संजय सिंह 25 मार्च को आकांक्षा के सुसाइड के बाद से ही फरार था। वह आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के गद्दोपुर गांव का रहने वाला है।
कोर्ट में पेशी के बाद भेजा गया जेल
संजय को अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। जिला जेल में बंद भोजपुरी गायक समर सिंह के साथ ही उसके दोस्त संजय सिंह के खिलाफ भी आकांक्षा दुबे को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज है। सिंगर समर सिंह और संजय सिंह दोनों ही आकांक्षा दुबे केस में मुख्य आरोपी हैं।
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संजय सिंह ने दी थी जान से मारने की धमकी
आकांक्षा की मां मधु दुबे ने संजय सिंह पर आरोप लगाया था कि उसने आकांक्षा को जान से मारने की धमकी दी थी। मधु दुबे ने पुलिस को दी तहरीर में संजय को समर का चचेरा भाई बताया था। अब इस केस के दोनों मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं। माना जा रहा है कि आकांक्षा के सुसाइड की गुत्थी को सुलझाना अब पुलिस के आसान होगा।
कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था संजय सिंह
पुलिस के मुताबिक, संजय सिंह के खिलाफ अदालत से गैर जमानती वारंट जारी था। उसकी संपत्ति की कुर्की का वारंट हासिल करने की प्रक्रिया चल रही थी। सर्विलांस की मदद से क्राइम ब्रांच को संजय सिंह की लोकेशन गोइठहां में मिली। पता चला कि वह अदालत में समर्पण करने के लिए अपने करीबियों के माध्यम से किसी वकील से मुलाकात करने शहर आया है। पुलिस ने गोइठहां अंडरपास रिंग रोड के पास घेराबंदी की तो संजय ने सरेंडर कर दिया। उसे सारनाथ थाने लेकर आया गया। वहां पूछताछ के बाद विशेष मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करके जेल भेज दिया।
सिंगर समर सिंह का फाइनेंसर है संजय सिंह
आरोपी संजय सिंह आजमगढ़ में सपा नेताओं का बेहद करीबी है। उसके पार्टी के नेताओं से मजबूत रिश्ते है। संजय बिलरियागंज थाना क्षेत्र के गद्दोपुर का रहने वाला है। उसके पिता दान बहादुर को भी हत्या के मामले में उम्रकैद हुई थी। आरोपी संजय समर सिंह का फाइनेंसर है।
सजंय सिंह के लखनऊ और बरेली में कई शोरूम है। शोरूम सहित पूरा काम काम समर का भाई राजीव देखता है। साल 2016 में नोटबंदी के दौरान संजय सिंह इंडसइंड बैंक में कलर्क की नौकरी करता था। बीते सात सालों में आरोपी अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया।
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