iPhone प्रोडक्शन यूनिट को भारत ला सकता है Apple, चीन से बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी

आईफोन (iphone) निर्माता Apple चीन से अपने उत्पादन को दूसरे देश में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही है. बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और लॉकडाउन के बीच दिग्गज टेक कंपनी चीन में अपना उत्पादन बंद करना चाहती है. वह 2025 तक मैक, आईपैड, एपल वॉच और एयरपॉड समेत कुल एपल उत्पादों का 25 फीसदी उत्पादन चीन से बाहर कर सकती है. वर्तमान में कंपनी 5 फीसदी उत्पाद चीन से बाहर बनाती है.

Apple अब अपने उत्पादन फैक्ट्री को चीन से निकालकर भारत और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में स्थानांतरित करना चाहती है. इसके साथ ही यह कंपनी ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन पर अपनी निर्भरता को भी कम करना चाहती है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप्पल फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप के नेतृत्व में ताइवान के असेंबलरों पर निर्भरता कम करना चाहता है. एएनआई ने बताया कि चीन के झेंग्झौ (zhengzhou) ने फॉक्सकॉन द्वारा आईफोन और अन्य एप्पल उत्पाद बनाने के कारखाने में लगभग 300,000 श्रमिकों को रोजगार दिया है. मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, अकेले झेंग्झौ ने एक समय में आईफोन के प्रो लाइनअप का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा बनाया था.

नवंबर के अंत में झेंग्झौ शहर में फॉक्सकॉन के सबसे बड़े आईफोन प्लांट में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए कई पोस्टों में कर्मचारियों को चीन की आईफोन फैक्ट्री में वेतन और शर्तों को लेकर विरोध करते हुए सड़क पर दिखाया गया है.

चीन के झेंग्झौ में फॉक्सकॉन प्लांट में सैकड़ों श्रमिकों ने प्रदर्शन किया. प्लांट में अवैतनिक वेतन और कठोर COVID-19 दिशानिर्देशों की रिपोर्टों से अशांति फैल गई थी. इंटरनेट पर घूम रहे विरोध के कुछ वीडियो में कार्यकर्ताओं को लाठी से सीसीटीवी तोड़ते हुए दिखाया गया है.

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