महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को राहत, 10 महीने के सबसे निचले स्तर पर महंगाई दर

पैट्राेल की बढ़ती कीमतों और रूपये की घटती वैल्यू के बीच जूझती मोदी सरकार के लिए अगस्त के खुदरा मंहगाई के आंकड़े राहत लेकर आए हैं. खुदरा चीजों की कीमतें पिछले 10 महीने के सबसे कम स्तर पर आ चुकी हैं, और अच्छी बात यह है कि इसमें खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई नरमी भी शामिल है.

 

आर्थिक मोर्चे पर जूझ रही सरकार के लिए ये एक राहत है. बता दें  सांख्यिकी संगठन (CSO) इस तरह के आंकड़ों को जारी करता है. इस बार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त मे खुदरा महंगाई दर (CPI) गिरकर पिछले 10 महीनों के निचले स्तर पर आ गई है.

 

खुदरा महंगाई दर के आंकड़े
अगस्त में जुलाई के मुकाबले खुदरा महंगाई दर घटकर 3.69 फीसदी रह गई है जिससे लोगों को कुछ राहत की उम्मीद है. इसमें खाद्य महंगाई दर गिरकर 0.29 प्रतिशत पर आ गई. हालांकि इस दौरान उद्योगों के उत्पादन में कमी आई है और यह 6.6 फीसदी तक घट गया है. लेकिन सालाना आधार पर औद्योगिक उत्पादन इस साल जुलाई में बढ़ा है. जुलाई में आईआईपी 6.6 फीसदी रही. जुलाई 2017 में आईआईपी 1 फीसदी थी. हालांकि, जून के मुकाबले आईआईपी में मामूली गिरावट आई है.

 

10 महीनों के आंकड़ों में पहली बार ऐसा हुआ है जब खुदरा भारतीय रिजर्व बैंक के मिड टर्म टारगेट 4 फीसदी से नीचे है. इससे पहले, अक्टूबर 2017 खुदरा महंगाई 4 फीसदी से नीचे 3.58 फीसदी पर दर्ज की गई थी.

 

थोक मूल्य सूचकांक
जबकि, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर खाद्य पदार्थों में आई नरमी का सकारात्मक असर पड़ा है. प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में आई नरमी से जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दर घटकर 5.09 फीसदी रही, जोकि जून में 5.77 फीसदी थी.

 

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी डब्ल्यूपीआई आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 के जुलाई में थोक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 1.88 फीसदी रही थी. मंत्रालय ने अपने समीक्षा बयान में कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में अब तक बिल्ड-अप मुद्रास्फीति दर 2.92 फीसदी रही है, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 0.62 फीसदी थी.’

 

खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें
कुल मिलाकर सब्जियों की कीमतों में 14.07 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें एक साल पहले इसी महीने में 22.01 फीसदी की तेजी आई थी. प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थो जैसे अंडे, मांस, चिकन, मछलियां आदि की कीमतों में जुलाई में 0.87 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.

 

खाने-पीने की चीजों समेत प्राथमिक स्तर इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत में कमी से आम जन पर जरूर थोड़ा प्रभाव पड़ेगा, वहीं सरकार को अभी भी पौष्टिक पदार्थो को सस्ता करने के उपायों पर लगातार काम करते रहने की जरूरत होगी. हालांकि, सरकार के लिए यह थोड़ी राहत भरी बात जरूर है.

 

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करेंआप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )