China Taiwan Tension: ताइवान से तनाव के बीच बेलगाम चीन ने जापान पर दाग दीं मिसाइलें, जानें ड्रैगन का प्लान

China Taiwan Tension: ताइवान और चीन के विवाद तनाव जारी है. नैंसी पेलोसी के ताइवान से रवाना होने के पहले ही चीन की नौसेना और वायुसेना ने दक्षिण चीन सागर में 6 जगह युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. चीन की नौसेना ताइवान के उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम में जिस जगह लाइव फायर ड्रिल कर रही है, वहां से ताइवान की दूसरी 15 मील से भी कम बताई जा रही है. चीन ताइवान के जलक्षेत्र में हेकड़ी दिखा रहा है और लगातार मिसाइलें दाग रहा है. इसमें से 5 मिसाइलें जापान के इलाके में जाकर गिरी हैं. चीन की इस हरकत पर जापान की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, जापानी प्रधानमंत्री ने इसे एक गंभीर समस्या बताया है, जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने दावा किया था कि पांच बलिस्टिक मिसाइल उनके एक्सक्लूजिव इकनॉमिक जोन में गिरी. किशी ने कहा था कि ऐसा पहली बार हुआ है. जापान ने इस हरकत का कड़ा विरोध किया. रक्षा मंत्री ने इसे एक गंभीर समस्या बताया क्योंकि सवाल राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा का है. अब जापान के प्रधानमंत्री ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है.

90 साल पुरानी है चीन-जापान की दुश्मनी

चीन और जापान की दुश्मनी आज की नहीं, बल्कि 90 साल पुरानी है. 1931 में जापानी फौज ने चीन के मंचूरिया पर हमला किया. यह हमला जापानी नियंत्रण वाले एक रेलवे स्टेशन के पास हुए विस्फोट के जवाब में किया गया था. इस युद्ध में चीन की जबरदस्त हार हुई और जापान ने मंचूरिया का काफी बड़ा इलाका जीत लिया. इसके बाद जापान की महत्वकांक्षा बढ़ गई और उसने दिसंबर 1937 में नानजिंग शहर पर आक्रमण कर दिया. जापानी फौज ने चीन के नानजिंग में जो कत्लेआम मचाया था, उसे दुनिया आज तक भूल नहीं पाई है. इस दौरान लोगों को मारा गया, महिलाओं का बलात्कार किया गया, घरों को लूटा गया. यह कत्लेआम मार्च 1938 तक चलता रहा. एक अनुमान के मुताबिक इन चार महीनों में जापानी फौज ने नानजिंद में लगभग तीन लाख लोगों को मार डाला था. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे.

चीन और जापान में द्वीपों को लेकर भी है तनाव

चीन और जापान में पूर्वी चीन सागर में स्थित 8 द्वीपों को लेकर विवाद है. इसमें सबसे बड़ा सेनकाकू द्वीप है. लगभग 7 वर्ग किलोमीटर में फैले ये द्वीप ताइवान के उत्तर-पूर्व, चीनी मुख्य भूमि के पूर्व में और जापान के प्रांत ओकिनावा के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं. सेनकाकू द्वीप को चीन और ताइवान में दियोयस के नाम से जाना जाता है. चीन इस द्वीप को अपनी सीमा में स्थित मानता है. चीन के अनुसार, जापानी सेना की इस द्वीप पर मौजूदगी उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है और चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिये दृढ़ है. यही कारण है कि इस द्वीप के आसपास कई बार चीन और जापान की नौसेनाओं का आमना-सामना हो जाता है.

बता दें कि नैंसी पेलोसी के दौरे से चीन के अहंकार को बड़ी चोट लगी है. अमेरिका को घुड़की देने के लिए चीन की सरकार ने जितनी आग उगली, अब वही बदले की आग बनकर चीन के लोगों के दिल में धधक रही है. इसलिए अब वो लगातार ताइवान सीमा पर सैन्य अभ्यास कर रहा है. चीन का ये युद्धाभ्यास 1996 के ताइवान संकट से भी ज्यादा बड़ा है. चीन की सरकारी मीडिया ने तो यहां तक धमकी दे दी है कि 7 अगस्त तक चलने वाला युद्धाभ्यास आगे भी बढ़ सकता है और ये भी हो सकता है कि चीन की सेना ताइवान के सैन्य ठिकानों पर हमला भी कर दे.

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