कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए सबसे कारगर हथियार सोशल डिस्टेंसिंग और टेस्टिंग है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) सैंपल टेस्टिंग (Corona Sample testing in UP) बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही है. हाल ही में यूपी ने हर रोज 20 हजार टेस्टिंग के आकड़ो को छुआ है अब सरकार इसे और आगे ले जाना चाहती है इसीलिए सीएम योगी ने कल यानि कि 30 जून से हर रोज 25 हजार टेस्टिंग का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जिले के अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक उपकरणों को बढ़ाने की भी कोशिश लगातार की जा रही है.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं कि टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाई जाए ताकि संक्रमित व्यक्तियों की पहचान जल्द से जल्द हो सके और उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके. उन्होंने बताया कि राज्य में इस वक्त COVID-19 टेस्ट की क्षमता 20 हजार परीक्षण प्रतिदिन की है. अब अधिकारियों को निर्देश देकर इसे 30 जून से 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने के लिए कहा गया है.
ट्रनेट के साथ ही एंटीजन मशीनों का भी होगा उपयोग
कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने में योगी सरकार के लिए ट्रूनेट मशीन उपयोगी साबित हो रही हैं, सरकार ने बिना कोई देरी किए मशीनें मंगा लीं थीं, जिसकी बदौलत प्रदेश में तेजी से टेस्टिंग बढ़ रही है. अब सरकार की तैयारी एंटीजन मशीनों का उपयोग करने की है. इसके साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज अपने लेबोरेटरी की जांच क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपकरण लगाएंगे.
डोर टू डोर होगी सैंपल टेस्टिंग
कोरोना संक्रमित व्यक्ति बीमारी न छिपा पाए, और प्रारंभिक स्तर पर ही वायरस के खात्मे के लिए योगी सरकार अब डोर टू डोर सैंपल टेस्टिंग करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक यह अभियान जुलाई से शुरू हो जाएगा. सबसे पहले मेरठ मंडल के जिलों में मेडिकल टीम्स लोगों के घर पहुंचकर कोरोना लक्षणों का पता लगाएंगी बाद में इसे सभी मंडलों में लागू करने की तैयारी. इस दौरान घरों में कोविड के लक्षण पाए जाने पर वहीं उनका पल्स ऑक्सीमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि संक्रमण को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जा सके.
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