इस कोरोना काल में डॉक्टर्स की राय के अनुसार हम सभी अपनी इम्यूनिटी पॉवर को स्ट्रॉन्ग रखना चाहते हैं। इसके लिए सभी ने काढ़ा पीने की शुरुआत की थी। कहा जाता है काढ़ा पीने से ना सिर्फ इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनती है, बल्कि कोरोना वायरस से भी बचाव होता है। पर, काढ़े में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की सही मात्रा होना बेहद जरूरी है, साथ ही कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें काढ़ा बनाते समय ध्यान रखना चाहिए, वरना इससे आपको फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सूप बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
सूप जैसा हो काढ़ा
आयुर्वेद के अनुसार काढ़े की कंसिस्टेंसी सूप की तरह होनी चाहिए, यह ना तो ज्यादा गाढ़ा हो और ना ही ज्यादा तरल होना चाहिए। शरीर को रोगाणुओं से मुक्त रखने के लिए हमेशा ध्यान रहे, काढ़ा तब तक उबालें जब तक उसकी मात्रा आधी ना रह जाए। इस तरह से बना काढ़ा श्रेष्ठतम माना गया है। काढ़ा हमेशा आराम से पिएं एक साथ पूरा पीने से बचें। काढ़ा पीने के बाद ऊपर से पानी न पिएं।
काढ़ा बनाने की सामग्री
काढ़ा बनाने के लिए काली मिर्च, दालचीनी, अश्वगंधा, गिलोय, हल्दी और सोंठ का इस्तेमाल किया जाता है। इनसे शरीर में गर्मी आती है और शरीर रोगाणु मुक्त होता है।
मात्रा का विशेष ध्यान रखें
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि काढ़ा बनाने में जिन सामान का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी मात्रा संतुलित हो। ज्यादा मात्रा से आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
तकलीफ हो तो…
अगर काढ़ा पीने के बाद आपको बेचैनी या जलन महसूस हो रही है, तो इसमें दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ की मात्रा कम कर दें।
किसे नहीं पीना चाहिए
काढ़ा एक औषधीय पेय है लेकिन हर व्यक्ति को सूट करे यह जरूरी नहीं। इसलिए जिनकी पाचन शक्ति कमजोर हो उन्हें ज्यादा काढ़ा नहीं पीना चाहिए। इससे उन्हें एसिडिटी, पेशाब करने में जलन और मुंह के छालों की समस्या हो सकती है।
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