बिकरू कांड: विकास दुबे की नौकरानी को नहीं मिली जमानत, हत्यारों का साथ देने का आरोप

कानपुर के बिकरू गांव में हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में आरोपियों पर लगातार कार्रवाई का दौर जारी है। इसी के अन्तर्गत अब विकास दुबे की नौकरी, जो मामले में दोषी बनाई गई है उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। पुलिस की मानें तो घटना के दिन भी नौकरानी रेखा वह घर में मौजूद थी। साथ ही आपराधिक कृत्यों में शामिल रहती थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस पर सबूत छिपाने का भी आरोप है।


कई धाराओं में केस दर्ज

बीते दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे व उसके करीबी साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या को अंजाम दिय था। इस मामले में विकास के घर की कई महिलाओं को दोषी बनाया है। इसके साथ ही विकास दुबे के घर पर रहने वाली नौकरानी रेखा को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। यह नौकरानी विकास के पिता की देखभाल के लिए वहां रहती थी।


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घटना के बाद पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह करती रही। रेखा पर भी वह सभी आरोप हैं जो विकास दुबे पर हैं। हत्या, हत्या के प्रयास व साक्ष्य छिपाने आदि धाराओं में वह आरोपी है। मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है। रेखा के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी दाखिल की थी। सोमवार को मामले में सुनवाई हुई। सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों का विरोध किया। सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।


ये था मामला

गौरतलब है कि इस कांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। पुलिसकर्मियों की 2 जुलाई को घात लगाकर हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था। उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के बाद कानपुर लाने के दौरान पुलिस वाहन पलटने से भागने के प्रयास में उसका एनकाउंटर किया गया। दुबे के पांच सहयोगी भी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। बिकरू कांड में 44 से अधिक आरोपियों की पहचान की गई, जिनमें से 36 को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन 36 आरोपियों के खिलाफ हाल ही में कानपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की।


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