कमलेश तिवारी की हत्या के लिए मदरसे के मौलवी ने जारी किया था ‘डेथ वारंट’, इस्लाम में काफिरों की हत्या जायज, मार दो

लखनऊ में रहने वाले हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की हत्या की गुत्थी 24 घंटे में ही शनिवार दोपहर तक सुलझ गई. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब पर 2015 में दिए गए विवादित बयान की वजह से यह हत्या की गई है. यूपी एटीएस ने कमलेश तिवारी के सिर पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखने वाले बिजनौर के दो मौलानाओं माेहम्मद मुफ्ती नईम काजमी और इमाम माैलाना अनवारुल हक को गिरफ्तार कर लिया.


इसके बाद गुजरात एटीएस ने हत्या के आरोप में सूरत के लिंबायत में रहने वाले मौलाना मोहसिन सलीम शेख, फैजान युनूस भाई जिलानी और रशीद शेख को गिरफ्तार कर लिया. हमला फरीद और अशफाक ने किया था, वो दोनों फरार हैं. घटनास्थल पर मिले मिठाई के डिब्बे और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लखनऊ से करीब 1250 किमी दूर सूरत से आरोपी पकड़े जा सके. फैजान युनूस सूरत की दुकान से मिठाई खरीदते वक्त सीसीटीवी कैमरे में कैद हाे गया था. उसके बाद माैलाना माेहसिन काे पकड़ा गया. मौलवी ने रशीद और उसके दोस्तों को कहा था कि इस्लाम में काफिरों की हत्या करना कोई गुनाह नहीं माना जाता है. उसने ‘इस्लाम का कबूलनामा’ नाम से एक सर्टिफिकेट भी जारी किया था. आइए जानते हैं कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल पांचों हत्यारों के बारे में.


रशीद शेख

23 वर्षीय रशीद कम्प्यूटर का भी जानकार है. 10वीं तक पढ़ाई के बाद 2017 से दुबई में रहकर कंप्यूटर हार्डवेयर और उसी दुकान में सेल्स भी करता था. वर्ष 2015 में पैगंबर साहब पर दिए कमलेश तिवारी के बयान के बाद से उसकी हत्या करना चाहता था. इसके लिए 50 बैठकें हो चुकी थीं.



फैजान

लिंबायत के ग्रीन व्यू फ्लैट में रहता है. वो रशीद के साथ दुबई से ही संपर्क में था. पहले वह खुद ही हत्या करने जाने वाला था, लेकिन बाद में उसने प्लानिंग बदल दी और उसने यहां से हथियार का इंतजाम सहित अन्य मदद जुटाता रहा. आरोपी जूते की कम्पनी में सेल्समेन का काम भी करता था.


फरीद

फरीद अपने लिंबायत स्थित घर में रहता था लेकिन कुछ काम नहीं करता था. उसने रशीद के साथ मिलकर हत्या करने की तैयारी की थी. रशीद के उकसाने पर 16 अक्टूबर को फरीद ने खुद ही हत्या करना ठान लिया था. और अशफाक के साथ लखनऊ जाकर कमलेश की हत्या कर दी.


अशफाक

यह रशीद का पड़ोसी है. 15 अक्टूबर को एक बैठक में रशीद ने कहा था कि यदि आप लोग नहीं जा सकते तो अब मैं खुद जाऊंगा हत्या करने. इसके बाद में फरीद और अशफाक ने कहा कि हम जाएंगे हत्या करने और फरीद के साथ वह लखनऊ गया और वारदात को अंजाम दिया.



मोहसिन शेख

गुजरात एटीएस के मुताबिक लिंबायत के एक मदरसे में मौलवी मोहसिन दीन पढ़ाने का काम करता है. मौलवी ने रशीद और उसके दोस्तों को कहा था कि इस्लाम में काफिरों की हत्या करना कोई गुनाह नहीं माना जाता है. उसने इस्लाम का कबूलनामा नाम से एक सर्टिफिकेट भी जारी किया था.


पांचों आरोपी दो महीने से बना रहे थे हत्या का प्लान

हमले का पूरा षड्यंत्र रशीद ने ही दो महीने सूरत में रहकर रचा था. भाई सईद की शादी के लिए आए रशीद को माैलाना माेहसिन सलीम शेख ने और भड़का दिया था. जिलानी पार्क में रहने वाले रशीद शेख ने भाई फरीद शेख और उसी बिल्डिंग में रहने वाले दोस्त अशफाक के साथ पड़ोस की ग्रीन व्यू बिल्डिंग में रहने वाले फैजान और एक मौलवी मोहसिन को भी इस साजिश में शरीक कर लिया.


सूरत से घारी मिठाई ली, भगवा कुर्ते भी सिलवाए

आरोपियों को अंदाजा था कि सुरक्षा प्राप्त कमलेश तिवारी के करीब जाना इतना आसान नहीं होगा इसलिए सूरत की प्रसिद्ध घारी मिठाई के डिब्बे और भगवा कुर्ते का इस्तेमाल किया. हमलावर अशफाक और फरीद ने 16 अक्टूबर को सूरत से धरती नमकीन ब्रांड की घारी खरीदी थी. फरीद और अशफाक इसी डिब्बे में हथियार छिपाकर ले गए थे. दोनों आरोपी भगवा कुर्ता पहनकर गए थे ताकि किसी को शक भी न हो.


सीसीटीवी में दिखने वाली महिला भी संदिग्ध

लखनऊ में सीसीटीवी में दो आरोपियों के साथ एक महिला भी दिख रही, है जो रास्ते में लगातार अशफाक और फरीद से बात कर रही है. पुलिस को अंदेशा है कि यह महिला भी सूरत की हो सकती है. हमलावरों के पकड़े जाने पर ही पुष्टि हो पाएगी. सूरत की मिठाई की दुकान और लखनऊ में घटनास्थल के करीब के फुटेज में दिख रहे फरीद और अशफाक. दोनों ने हत्या के बाद साथियों को फोनकर कहा था कि काम हो गया.


जश्न मनाने से पहले पहुंची पुलिस

कमलेश के हत्यारों ने सबसे पहले सूरत में रशीद और फैजान को फोन किया और कहा कि काम हो गया है. उसके बाद यहां के आरोपियों ने जश्न की तैयारी शुरू कर दी. बाद में कई बार अशफाक और फरीद को फोन किया लेकिन संपर्क नहीं हुआ. हत्या करने के बाद आरोपियों ने किस किस को फोन किया था, इसकी जांच हो रही है. पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी 16 अक्टूबर को ही उद्योग कर्मी एक्सप्रेस से निकले थे और वहां से लखनऊ गए थे. उन्होंने पहले से ही भगवा कपड़े पहन रखे थे. हत्यारे सीधे कमलेश तिवारी के दफ्तर पहुंच गए. वहां उन्होंने उनकी हत्या कर दी. रात में लिंबायत पुलिस, एटीएस की टीम, क्राइम ब्रांच की टीम सबसे पहले फैजान के पास पहुंची. उससे पूछताछ की और उसे लेकर रशीद के घर पहुंचे. उन्होंने रशीद और सईद को घर से बाहर आने के लिए कहा. पुलिस ने दोनों को चप्पल भी नहीं पहनने दिया और लेकर निकल गई.


Also Read: कमलेश तिवारी की हत्या पर आजमगढ़ में मना जश्न, मिठाई बांटकर बोले- ये तो है ट्रेलर.. पिक्चर अभी बाकी है, जांच में जुटी पुलिस



( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )