Saphala Ekadash 2021: आज सफला एकादशी, जानें महत्त्व, पूजा विधि, व्रत कथा, क्या करें और क्या न करें इस दिन

हिन्दू धर्म में हर एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है. जिनमें से एक सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021) भी है. सफला एकादशी इस साल यानी 2021 की पहली एकादशी है. पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है यह 9 जनवरी 2021 को पड़ेगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार, विधि विधान से सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat) करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे सर्वत्र सभी कार्यो में सफलता मिलती है. किंतु इसकी संपूर्णता के लिए व्रत में रात्रि जागरण करना जरूरी होता है.


अगर किन्हीं कारणों से आप सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) का व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, सफला एकादशी व्रत (Saphala Ekadashi Vrat) रखने में असक्षम लोग सच्चे मन से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करते हुए व्रत कथा (Saphala Ekadashi Vrat Katha) को पढ़ें और सादा भोजन का सेवन करें. साथ ही इस दिन चावल का सेवन न करें. इस तरह से लोग व्रत न रखकर भी व्रत का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.


जानिए एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें

1. शास्त्रों में सभी 24 एकादशियों में चावल खाने को वर्जित माना गया है. मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से इंसान रेंगने वाले जीव योनि में जन्म लेता है. इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.


2. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के साथ ही खान-पान, व्यवहार और सात्विकता का पालन करना चाहिए.


3. कहा जाता है कि एकादशी के पति-पत्नी को ब्रह्नाचार्य का पालन करना चाहिए.


4. मान्यता है कि एकादशी का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को इस दिन कठोर शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही लड़ाई-झगड़े से भी बचना चाहिए.


5. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना शुभ माना जाता है और शाम के समय नहीं सोना चाहिए.


सफला एकादशी के दिन करें ये काम

1. एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है.
2. एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए.
3. विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए.
4. एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होने की मान्यता है.
5. कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 


सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ – 08 जनवरी 2021 की रात 9 बजकर 40 मिनट पर
  • एकादशी तिथि समाप्त – 09 जनवरी 2021 की शाम 7 बजकर 17 मिनट पर

सफला एकादशी व्रत कथा

पद्म पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, चम्पावती नगरी में महिष्मान राजा के पांच पुत्र  थे. सबसे बड़ा पुत्र लुम्भक चरित्रहीन था. वह हमेशा देवताओं की निन्दा करना, मांस भक्षण करना समेत अन्य पाप कर्मों में लिप्त रहता था. उसके इस बुरे कर्मों के कारण राजा ने उसे राज्य से बाहर निकाल दियाघर से बाहर जाने के बाद लुम्भक जंगल में रहने लगा.


पौष की कृष्ण पक्ष की दशमी की रात्रि में ठंड से वह सो न सका और सुबह होते-होते वह ठंड से प्राणहीन सा हो गया. दिन में जब धूप के बाद कुछ ठंड कम हुई तो उसे होश आई और वह जंगल में फल इकट्ठा करने लगा. इसके बाद शाम में सूर्यास्त के बाद यह अपनी किस्मत को कोसते हुए उसने पीपल के पेड़ की जड़ में सभी फलों को रख दिया, और उसने कहा  ‘इन फलों से लक्ष्मीपति भगवान विष्णु प्रसन्न हों.


इसके बाद एकादशी की पूरी रात भी अपने दुखों पर विचार करते हुए सो ना सका. इस तरह अनजाने में ही लुम्भक का एकादशी का व्रत पूरा होगया. इस व्रत के प्रभाव से वह अच्छे कर्मों की ओर प्रवृत हुआ. उसके बाद उसके पिता ने अपना सारा राज्य लुम्भक देकर ताप करने चला गया. कुछ दिन के बाद लुम्भक को मनोज्ञ नामक पुत्र हुआ, जिसे बाद में राज्यसत्ता सौंप कर लुम्भक खुद विष्णु भजन में लग कर मोक्ष प्राप्त करने में सफल  रहा.


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