इंसेफ्लाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान चलाया

 

पूर्वांचल में पहले इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम और उपचार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस्तक अभियान की शुरुआत की, यह अभियान इसलिए चलाया जा रहा है क्योकि किसी भी तरह होने वाले बुखार में लापरवाही ना बरती जाए नहीं तो इससे इंसेफलाइटिस हो सकता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किया गया है इस अभियान के तहत जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण के साथ ही है अभियान में प्रयोग किए जाने वाले ऑडियो-विजुअल रेडियो विज्ञापन इंसेफेलाइटिस से संबंधित सावधानी के उपाय की सामग्री एवं स्वच्छता टिकट तथा अन्य जानकारी प्रदान की गई इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह और यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की प्रमुख स्रोत लीनो तथा स्वास्थ्य विभाग डब्ल्यूएचओ यूनिसेफ एवं पथ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिलों के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे.

 

सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ में दिमागी बुखार पर भाषण –

* प्रदेश के 38 जनपद दिमागी बुखार की चपेट में है।

* पूरे देश मे 17 राज्य इससे प्रभावित है ।

* अभी भी इसे अज्ञात बीमारी बोल कर मासूमो को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।

* 1977-78 में पहली बार यह बीमारी पूर्वांचल में देखी गई, 1997 -98 तक भारत सरकार को भी इसकी जानकारी दी गई।

* 1997-98 से हमने इस लड़ाई की शुरुवात की, इस दौरान वायरल रिसर्च सेंटर बनाया गया।

जापानी इसेफ्लाटेशन के वैक्सीनेशन के लिए हमारे पास सुविधा नही थी।

* देश मे 2003 में सिर्फ तीन लाख वैक्सीन था, और हमे करोड़ो वैक्सीन की जरूरत थी,

* 2005 में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हुई, पहली बार इसका प्रचार प्रसार व्यापक हो पाया, उसके बाद नही कुछ हुआ,

* जापानी इंसेफ्लाइट्स में कमी आई तो उसके बाद एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ने मासूमो पर कहर बरपाया ।

* 92 लाख बच्चो को वैक्सीन लगाया गया लेकिन उस समय यह समय उचित नही था

* मार्च से अप्रैल के बीच वैक्सीन लगाया जाय तो बेहतर है। जबकि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस के लिए अभी भी कोई वैक्सीन नही बना है।

* ज्यादातर वे बच्चे इसके प्रकोप में आते है जो शरीरिक रूप से कमजोर है, और जहाँ सफाई नही रहती , साफ सफाई को लेकर अभियान चलाया जाय तो यह बीमारी आ ही नही सकती ।

* जापानी इंसेफ्लाइटिस मध्य जुलाई से लेकर मध्य नवंबर तक एक्टिवेट रहता है, मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है, यह मच्छर घर मे नही काटता ।

* एक्यूट इंसेफ्लाइटिस बीमारी कभी भी हो सकती है यह सिर्फ बच्चो को ही नही बल्कि बड़ो को भी यह बीमारी लग रही है।

* प्रिंसिपल इसे स्कूल में अभियान चलाए , नंगे पैर भी यह बीमारी लगती है।

* हर ग्राम सभा मे विशेष सफाई अभियान चलाए । शुद्ध पेय जल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाय।

* पिछली सरकारों पर निशाना साधा और कहा अपराधी वो लोग है, जिन्होंने इस बीमारी को जानते हुए भी सुविधाएं उपलब्ध नही करवाई।

* अधिकारियों द्वारा लापरवाही होती है,

* पिछले वर्ष मीडिया ने कितना हौआ खड़ा किया था जबकि पिछले वर्षों से मौते कम थी।

* आक्सीजन के आभाव में बच्चों की मौत , मैं सबसे अपील करूँगा ,मीडिया से भी करूँगा, हौआ खडा करके ऐसा न करे, जबकि मैन मीडिया से कहा प्रिमेच्योर बच्चे थे , जिनकी मौत हुई थी।

* लोगो मे जागरूकता फैलाये और झोला छाप डॉक्टर को इसके साथ न जोड़े क्योकि यूनिसेफ के अधिकारी इन्हें भी शामिल करने के।लिए कह रहे थे ।

* सरकारी चिकित्सालय न जाये ऐसे मामलों में सीधे बीआरडी मेडिकल कालेज ले आये ।