बिहार: ईडी ने जब्त की लालू परिवार की निर्माणाधीन मॉल की ज़मीन, कोर्ट जाएंगे तेजस्वी

बिहार में लालू यादव की मुश्किलें कम होती नहीं नज़र आ रही हैं। लालू परिवार की दानापुर स्थित निर्माणाधीन मॉल की जमीन ईडी ने जब्त कर ली है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि यह ईडी की रूटीन कार्रवाई है, चलता रहेगा। हम इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 45 करोड़ की जमीन पर निर्माणाधीन मॉल को अपने कब्जे में ले लिया।

यह मामला रेलवे टेंडर घोटाले से जुड़ा है और ईडी ने ‘धन शोधन रोकथाम कानून’ के तहत कार्रवाई की है। दिल्ली से आई ईडी की टीम ने बेली रोड स्थित जिस तीन एकड़ जमीन कब्जे में ली है, उस पर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण हो रहा था। हालांकि पिछले वर्ष से वहां निर्माण कार्य बंद है।

धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत ईडी ने जब्ती दिया आदेश

ईडी ने लालू प्रसाद के परिवार से जुड़ी इस भूमि को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत 8 दिसम्बर 2017 को अस्थाई तौर पर जब्त करने का आदेश जारी किया था। बीते साल जुलाई में सीबीआई ने रेलवे टेंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज कर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर दिल्ली में इन्फोर्समेंट केस इन्फॉरमेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। लारा प्रोजेक्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिलाइट कंपनी से बेली रोड पर खरीदी गई तीन एकड़ की यह जमीन भी जांच के दायरे में थी।

आरोप है कि रेलवे के होटलों को लीज पर देने के एवज में डिलाइट कंपनी को बेशकीमती जमीन दी गई और बाद में उक्त कंपनी से लालू परिवार की कंपनी ‘लारा’ ने काफी कम कीमत में जमीन खरीदी। डिलाइट कंपनी राजद के कद्दावर नेता प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम है।

राबड़ी व तेजस्वी से ईडी ने की थी पूछताछ, नहीं मिला था संतोषजनक जवाब

ईडी ने जांच शुरू करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक राबड़ी देवी और तेजस्वी से पूछताछ में जमीन खरीदने को लेकर संपत्ति के स्रोत पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उक्त जमीन को जब्त करने का अस्थाई आदेश दिया गया था।

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यह जमीन राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित लालू प्रसाद के अन्य परिजनों के नाम पर है। आरोप है कि यह जमीन यूपीए-एक सरकार के वक्त, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तब, आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका देने के लिए रिश्वत के तौर पर ली गई थी। इस मामले में सीबीआई ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई भी इस मामले में लालू यादव और तेजस्वी से पूछताछ कर चुकी है।