दिनदहाड़े नगर निगम ने उखाड़े रिलायंस के खम्बे

जालंधर : शहर में अंडरग्राऊंड केबल का जाल बिछाने के बाद टैलीकाम कम्पनी रिलायंस ने अब शहर की सड़कों पर खम्बे गाडऩे शुरू कर दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि सड़कों के किनारे खम्बे गाडऩे के लिए नगर निगम की अनुमति तक नहीं ली गई। हैरानी इस बात की भी है कि नगर निगम द्वारा रिलायंस कम्पनी द्वारा मॉडल टाऊन में लगाए गए कई खम्बों को उखाड़ा जा चुका है परंतु फिर भी रिलायंस कम्पनी द्वारा शहर में नए खम्बे लगाने का कार्य बदस्तूर जारी है। गौरतलब है कि कांग्रेसी पार्षद रोहन सहगल ने कुछ सप्ताह पहले मॉडल टाऊन क्षेत्र में रिलायंस कम्पनी द्वारा लगाए जा रहे खम्बों पर आपत्ति जताई थी और इसकी शिकायत पुलिस तथा निगमाधिकारियों को की थी। पार्षद रोहन की शिकायत के बाद रिलायंस द्वारा लगाए गए करीब डेढ़ दर्जन खम्बे उखाड़ दिए गए थे। अब कम्पनी अधिकारियों ने रोहन सहगल के वार्ड में काम बंद कर शहर के दूसरे हिस्सों में अवैध रूप से खम्बे गाडऩे का काम चालू कर दिया है। टैलीकाम कम्पनी द्वारा ऐसे खम्बे ज्योति चौक से लेकर जेल चौक तक लगा दिए गए हैं परंतु निगम को इसकी कानो-कान खबर तक नहीं हुई। पार्षद रोहन सहगल ने ही इन खम्बों बारे दोबारा शिकायत निगम कमिश्नर को की है।

 

roping of the municipal corporation started

 

निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने पार्षद रोहन सहगल से शिकायत मिलने के बाद रिलायंस जियो कम्पनी को तत्काल नए खम्बे लगाने का काम रोकने के आदेश जारी किए हैं। कमिश्नर ने बताया कि पिछले दिनों कम्पनी द्वारा मॉडल टाऊन में गाड़े गए खम्बों को उखाड़ा भी गया था परंतु फिर भी दूसरे वार्डों में जाकर खम्बे गाडऩा गलत है। इसके लिए निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई।

 

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दरअसल रिलायंस कम्पनी खम्बों और उन पर डाली जाने वाली तारों संबंधी कोई पॉलिसी न होने का फायदा उठा रही है। नवजोत सिद्धू ने लोकल बॉडीज मंत्री बनने के बाद केबल की तारों को लेकर ऐसी पॉलिसी बनाने की घोषणा की थी परंतु शायद श्री सिद्धू घोषणा करने के बाद पॉलिसी बनाना भूल गए। नियमानुसार निगम को प्रति पोल 3 हजार रुपए मिलने चाहिए परंतु निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई। बिजली के खम्बों पर तारें डालने की अनुमति लेने के लिए रिलायंस कम्पनी ने पावरकाम को 5.30 लाख रुपए दिए हैं, जबकि निगम को चवन्नी भी नहीं मिली।

 

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