PF घोटाला: भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, मुलायम-अखिलेश के करीबी UPPCL के पूर्व एमडी एपी मिश्रा गिरफ्तार

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने अपनी भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की नीति के तहत एक बार फिर DHFL मामले में बडी कार्रवाई की है. यूपी पॉवर कारपोरेशन (UPPCL) के भविष्य निधि (PF Scam) के पैसों को अवैध तरीके से डीएचएफएल में निवेश कर घोटाला करने के मामले में पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा (Ayodhya Prasad Mishra) को मंगलवार को ईओडब्लू ने गिरफ्तार कर लिया. एपी मिश्रा (AP Mishra) को सोमवार देर रात ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. एपी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा चीफ अखिलेश यादव के करीबी बताए जाते हैं. मिश्रा अखिलेश पर एक किताब भी लिख चुके हैं.


मीडिया रिपोर्ट की माने तो ईओडब्लू की टीम ने सोमवार को जेल भेजे गए यूपीपीसीएल के अधिकारी सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता से जेल में पूछताछ की थी. इसके बाद शक्ति भवन से ईओडब्लू की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे. कहा जा रहा है कि डीएचएफएल में निवेश को मंजूरी देने में जो भी जिम्मेदार हैं उन पर शिकंजा कसने की तैयारी है. अब एपी मिश्रा की गिरफ़्तारी के बाद कई अन्य अधिकारियों पर भी जांच की आंच पहुंच सकती है. गिरफ्तार एपी मिश्रा को आज पुलिस किसी भी वक्त कोर्ट में पेश कर सकती है.


जानें कौन हैं अयोध्या प्रसाद मिश्रा ?

अयोध्या प्रसाद मिश्रा (एपी मिश्रा) यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी रहे हैं. इन्हे अरबपति मिश्रा और ऊर्जा विभाग के धनकुबेर भी कहे जाते हैं. इन्हें मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है. यह अखिलेश यादव पर एक किताब भी लिख चुके हैं.अखिलेश सरकार में ही किसी आईएएस की जगह एक इंजीनियर को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था. इतना ही नहीं उन्हें रिटायर होने के बाद तीन बार सेवा विस्तार भी मिला था. सपा सरकार की इनपे बड़ी कृपा रही थी. लेकिन 24 मार्च 2017 में योगी सरकार बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. एपी मिश्रा समाजवादी पार्टी से टिकट भी मांग रहे थे.


बता दें कि इस घोटला की बात पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक का घोटाला सामने आने के बाद य खुली की इस बैंक से डीएचएफएल का भी जुड़ाव रहा है. मुंबई हाईकोर्ट ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के साथ ही डीएचएफएल के भुगतान पर रोक लगा दी है. ये बातें सामने आने के बाद कारपोरेशन हरकत में आया. बीते 10 अक्तूबर को कारपोरेशन ने पावर सेक्टर इंप्लाइज ट्रस्ट के सचिव व कारपोरेशन के महाप्रबंधक वित्त प्रवीण कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया था. विभागीय कार्यवाही भी जा रही है। शनिवार को सरकार ने इस मामले में प्राथिमकी दर्ज कराई, जिसके बाद प्रवीण कुमार गुप्ता के साथ ही सुधांशु  द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.


अखिलेश सरकार में किया गया था निवेश का फैसला

उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा UPPCL कर्मियों के पीएफ का 1600 करोड़ रुपया निजी कंपनी DHFL में निवेश किये जाने से फंस गया है. UPPCL कर्मियों के पीएफ का पैसा केंद्र सरकार की गाईडलाइन को दरकिनार कर निजी कंपनी DHFL में निवेश करने का फैसला अखिलेश सरकार में किया गया था. यह फैसला 21 अप्रैल 2014 को हुई उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में किया गया था. इसके चलते मार्च 2017 से दिसंबर 2018 तक UPPCL कर्मियों के पीएफ का 2631.20 करोड रुपया DHFL में जमा किया गया. इस दौरान 1000 करोड़ रुपया तो वापस मिल गया, लेकिन इसी बीच मुम्बई हाईकोर्ट ने डीएचएफएल द्वारा किए जाने वाले सभी भुगतान पर रोक लगा दी, जिससे UPPCL कर्मियों के पीएफ का करीब 1600 करोड़ रुपया DHFL में फंस जाने से हड़कंप मच गया है. इसके बाद विभिन्न विद्युत कर्मचारी संगठन कर्माचारियों के PF के निवेश से जुडी जानकारी के साथ उसकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करने के लिए सरकार से श्वेत पत्र जारी कर, इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं.


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