यूपी: गर्भवती पत्नी को ठेले पर लेकर वार्ड तक पहुंचा पति, अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर और घंटो टरकाते रहे एम्बुलेंस वाले

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (Health System) की क्या दुर्दशा है, इसका नजारा कन्नौज (Kannauj) जिले में देखने को मिला. जहां प्राथमिक, उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री के आने से पहले विनोद दीक्षित चिकित्सालय (Vinod Dixit Hospital) में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई. दरअसल, एक युवक अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ने पर एम्बुलेंस (Ambulance) को फोन किया, घंटे भर बाद भी एम्बुलेंस (Ambulance) नहीं पहुंची. जिसके बाद युवक अपनी पत्नी को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा.


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अस्पताल में कोई भी स्ट्रेचर नहीं था तो युवक मजबूर होकर पत्नी को ठेले पर ही लेकर वार्ड तक पहुंच गया. मामला बिगड़ता देख डॉक्टरों ने आनन-फानन में महिला का इलाज शुरू किया और स्वास्थकर्मियों को युवक के आसपास लगा दिया ताकि वह मंत्री तक न पहुंच पाए. गौरतलब है कि शामली (Shamli) जिले में भी एम्बुलेंस न मिलने पर युवक ने अपने मरीज को खाट पर लेकर पहुंचाया था.


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गर्भपात के लिए महिला ने खाई थी दवा

कन्नौज (Kannauj) शहर के मुकरी टोला मोहल्ला निवासी किरन (35) पत्नी अजय ने गर्भपात के लिए बीते रविवार रात को दवा खाई थी, जिसके बाद सोमवार सुबह महिला की हालत बिगड़ गई. इस पर पति ने 108 व 102 एम्बुलेंस (108 and 102 Ambulance) को कई बार फोन लगाया. लेकिन, कंट्रोल रूम से बार-बार इंतजार करने के लिए कहा जाता रहा. घंटो तक इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो पत्नी की हालत बिगड़ती देख पति ने पड़ोसी से ठेला किराए पर लिया. वह करीब 2 किलोमीटर तक पैदल ही पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा.


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अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर, डॉक्टर की एम्बुलेंस पर शिकायत

अस्पताल पहुंचने पर वहां के इंतजाम और भी ज्यादा खराब मिले, वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं था. इस दौरान उसने ठेले से ही पत्नी को वार्ड तक पहुंचाया, जिसके बाद उसका इलाज शुरू हो सका. सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि स्ट्रेचर उपलब्ध न होने पर कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. एम्बुलेंस नहीं मिलने की कई बार शिकायतें आ चुकी हैं. वह इस मामले में शासन स्तर पर लिखा-पढ़ी करेंगे.


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