योगी सरकार का बड़ा फैसला, सभी राजनेताओं, सरकारी अफसरों के आवासों में लगेंगे प्रीपेड मीटर

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत में सुधार लाने और बिल वसूली प्रक्रिया को दुरूस्त करने के लिये सरकारी कार्यालयों और विधायकों तथा सांसदों समेत सभी जन प्रतिनिधियों के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने जा रही है. सरकारी विभागों पर 13,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाये के बीच अगले महीने 15 नवंबर से शुरू इस अभियान के पहले चरण में एक लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) ने यह जानकारी दी.


बिजली बिल के रूप में विभिन्न सरकारी विभागों पर बकाया राशि बढ़ने के साथ यह कदम उठाया जा रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में देश भर में सरकारी विभागों पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 41,743 करोड़ रुपए पहुंच गया जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 36,900 करोड़ रुपए था. इसमें उत्तर प्रदेश में ही पुलिस, सिंचाई समेत विभिन्न सरकारी विभागों एवं इकाइयों पर बकाया 13,480 करोड़ रुपए है.


श्रीकांत शर्मा ने बयान जारी कर बताया कि सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बिजली बिल का बकाया है. श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘इसे ध्यान में रखते हुए नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं. जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे. सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी.’ ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बिजली बिल का बकाया है. इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है.’


श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यह अभियान 15 नवंबर से शुरू होगा. सरकार सभी को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य लेकर चल रही है और यह तभी संभव है जब बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत हो. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर चरणबद्ध तरीके से लगाये जाएंगे और मार्च 2020 तक हम सभी सरकारी दफ्तरों और जन प्रतिनिधियों के यहां स्मार्ट मीटर लगा देंगे. पहले चरण में एक लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है. पहले चरण के लिये सरकार ने 50 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर के आर्डर दिये हैं.


स्मार्ट प्रीपेड मीटर में ग्राहक को मोबाइल फोन की तरह मीटर रिचार्ज कराना होता है और रिचार्ज के हिसाब से ही वह बिजली का उपभोग कर सकेंगे. इससे अन्य बातों के अलावा जहां एक तरफ बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा वहीं ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा मिलेगा. एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में अभी लगभग 7 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड लगाये जा चुके हैं और 2022 तक पूरे प्रदेश में सभी ग्राहकों को इसके दायरे में लाया जाएगा. नुकसान से जुड़े एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि राज्य में बिजली क्षेत्र का घाटा कुल मिला कर लगभग 72,000 करोड़ रुपए से ऊपर पुंहच गया है. हमारा लक्ष्य 2032 तक इसे दस हजार करोड़ रुपए से भी नीचे लाना है.


ऊर्जा मंत्री के अनुसार प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है. अब तक 68 थाने खुल चुके हैं. इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन खुद उठाएगा. उन्होंने बताया कि इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं. इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली रोकना है.


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