योगी सरकार के प्रयासों से ‘स्वच्छ और स्वस्थ’ हो रहे UP के गांव-शहर, निगरानी समितियां ‘विशेष सफाई अभियान’ पर रख रही नजर

प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) सूबे के लोगों को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचाने के इंतजाम करने के साथ ही सूबे के गांव तथा शहरों सेहत को ठीक करने में जुटी है। गांव तथा शहरों की सेहत को दुरुस्त करने के लिए सरकार शहरों तथा गांवों में विशेष सफाई अभियान चलाकर वहां बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष इंतजाम कर रही है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि सूबे के लोगों को कोरोना तथा अन्य बीमारियों से बचाने के लिए शहरों तथा गांवों को स्वच्छ रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री की इसी सोच के तहत समूचे प्रदेश में विशेष सफाई अभियान चलाने के साथ ही गांवों में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए इंडिया मार्क-2 हैंडपंप रिपेयर और रिबोर किए जा रहे हैं।


इस अभियान के तहत सभी नगर निकायों के कुल 12016 वार्डों में 81087 श्रमिकों ने सफाई अभियान चलाकर 9300 वाहनों के जरिए 9149 स्थलों से कूड़ा हटाया। जिसे 4484 ट्रकों से लैंडफिल साइट और प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुँचाया गया। इस सफाई अभियान के दौरान 5555 वार्डों में फागिंग तथा 6566 वार्डों में एंटी लार्वा का छिडकाव भी किया गया। इसके अलावा हर नगर निगम में स्प्रे मशीन, मिस्ट गन तथा मिस्ट ब्लोअर गन जैसी मशीनों से सेनेटाइजेशन कराया जा रहा है।


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प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों में साफ सफाई का यह कार्य 12016 निगरानी समितियों की देखरेख में हो रहा है। इन निगरानी समितियों के 58368 सदस्य रोज सफाई अभियान पर नजर रख रहें हैं। साफ सफाई के कार्य में लगे फ्रंट लाइन वर्करों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है, जिसके चलते 1,04,639 फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं और इन्हें ग्लब्स, मास्क एवं सेनेटाइजर भी उपलब्ध कराया गया है।


इसी प्रकार सरकार सूबे के सभी 97 हजार से अधिक राजस्व ग्रामों में साफ सफाई को लेकर  बहुत ध्यान दे रही है। जिसके चलते पहली बार छोटे हों या बड़े, ग्राम पंचायत के सभी गांवों में नालियों की सफाई कराई जा रही है। जिससे गांव की तस्वीर बदलने लगी है और संक्रामक बीमारियों के फैलने पर ब्रेक भी लगा है। ग्राम पंचायतों में अभियान के दौरान स्वास्थ्य, स्वच्छता पोषण समिति की बैठक कराई गई हैं।


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ग्राम में बनी समितियों के माध्यम से स्वच्छता अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। यह पहली बार है जब राजस्व गांवों में स्वच्छता का इतना बड़ा अभियान चलाया है। बीते साल कोरोना के समय भी गांवों में सफाई अभियान चला था लेकिन वह इतने बड़े पैमाने पर नहीं चलाया गया था। बीते नौ अप्रैल से सूबे के 97409 राजस्व ग्रामों में चलाए जा रहे इस विशेष सफाई अभियान ने स्वच्छ गांव और स्वस्थ उत्तर प्रदेश की नींव रखी है।


राजस्व ग्रामों में निरंतर हो रही साफ सफाई से वातावरण बदला


राजस्व गांवों में चलाए जा रहे सफाई अभियान के चलते ग्रामों में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है,जिसने गांवों में संक्रामक बीमारियों से लोगों को बचाने का अहम कार्य किया है। इसके लावा गांवों में ब्लीचिंग पाउडर, सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव प्रत्येक दिन कराया गया है।


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गांवों में निरंतर फॉगिंग कराकर मच्छरों का प्रकोप दूर करने का कार्य किया जा रहा है। पहले कभी गांवों में इतने वृहद स्तर पर मच्छरों के प्रकोप को दूर करने के लिए फॉगिंग नहीं कराई गई थी। इसके अलावा पहली बार गांव की गलियों के साथ ही रास्तों व नुक्कड़ों की सफाई कराई गई है। और गांव के लोगों को जागरूकता अभियान के माध्यम से मास्क की उपयोगिता की जानकारी दी गई है।


अपने घरों के आस-पास सफाई रखने और गंदगी न करने से होने वाले लाभों की जानकारी दी जा रही है। गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिये सफाई कितनी उपयोगी है इसको भी वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान के माध्यम से बताया जा रहा है। सरकार के ऐसे प्रयासों से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। उनमें उम्मीद जगी कि अब उनको गंभीर बीमारी नहीं जकड़ेगी। सरकार की पहल की गांव के लोग प्रशंसा कर रहे हैं।


पेयजल व्यवस्था में किया जा रहा सुधार


बढ़ती गर्मी को देखते हुए पेयजल व्यवस्था को बेहतर करने का कार्य भी किया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश के 576 नागर निकायों में प्रतिदिन आवश्यक पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। अक्रियाशील कुल 915 नलकूप में से 351 नलकूपों को मरम्मत कर टीक करा लिया गया है और रिबोर योग्य 723 के नलकूपों को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके चलते रिबोर योग्य 166 नलकूप गत मंगलवार को चालू कर लिए गये। इसी प्रकार इंडिया मार्क -2 हैंडपंपों को रिपेयर करने का कार्य भी किया जा रहा है।


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राज्य में 253810 इंडिया मार्क -2 हैंडपंप स्थापित हैं, जिनमें से 8453 हैंडपंपों  खराब थे। इन खराब हैंडपंपों में से 4632 को ठीक कर लिया गया है और बाकी को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल सरकार का यह स्वच्छता अभियान कोविड के साथ अन्य रोगों से लड़ने में एक बड़ा हथियार बन गया है। गांव और शहर दोनों ही जगहों पर लोग इस अभियान को जरूरी मानते हुए अब साफ सफाई पर ध्यान देने लगे हैं। जिसके चलते अब स्वच्छता अभियान न केवल कोविड, बल्कि अन्य रोगों से लड़ने में एक बड़ा हथियार बनता जा रहा है।


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