‘अगर कमान RSS के हाथ में होती तो…’, बीजेपी अध्यक्ष चुनाव में देरी पर बोले मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी की कमान वास्तव में संघ के हाथ में होती, तो नए अध्यक्ष का फैसला इतने लंबे समय तक टलता नहीं। उनका यह बयान गुरुवार शाम पत्रकारों से बातचीत के दौरान आया, जब बीजेपी में नेतृत्व बदलाव को लेकर चर्चाएं तेज हैं।

RSS-BJP संबंधों पर भागवत की सफाई

बीजेपी में नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विपक्ष लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि पार्टी के फैसले संघ के निर्देश पर होते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोहन भागवत ने साफ किया कि संघ किसी भी राजनीतिक दल के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने कहा, हम अपने स्वयंसेवकों पर भरोसा करते हैं, और हर निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाता है।

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वैचारिक मार्गदर्शक की भूमिका में RSS

मोहन भागवत ने इस बात को स्वीकारा कि RSS और बीजेपी के रिश्ते पुराने और वैचारिक हैं, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि दोनों के बीच कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय बीजेपी को ही लेना होता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब बीजेपी को लोकसभा चुनाव 2024 में बहुमत नहीं मिला और उसे गठबंधन सरकार बनानी पड़ी।

ट्रंप टैरिफ पर स्वदेशी की अपील

मोहन भागवत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अमेरिकी टैरिफ नीति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत को किसी के दबाव में व्यापार नहीं करना चाहिए और ‘स्वदेशी’ को प्राथमिकता देनी चाहिए। ट्रंप की नीतियों पर अप्रत्यक्ष प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, दबाव में व्यापार नहीं होता, आत्मनिर्भरता जरूरी है।

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घर से शुरू हो स्वदेशी की यात्रा: RSS प्रमुख

RSS प्रमुख ने ‘100 वर्ष की संघ यात्रा, नए क्षितिज’ कार्यक्रम में लोगों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें और आत्मनिर्भरता की शुरुआत अपने घर से करें। उन्होंने कहा कि भाषा, भूषा, भजन और भोजन – सब कुछ पारंपरिक और घरेलू होना चाहिए। भागवत का यह संदेश आर्थिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक स्वाभिमान को लेकर संघ की प्राथमिकता को दर्शाता है।

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