IIT Bombay में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को किया संबोधित

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को आईआईटी-बॉम्बे पहुंचे और दीक्षांत समारोह में संबोधन दिया। पीएम ने इंजीनियरिंग के इस संस्थान को 1000 करोड़ रुपए का वित्तीय अनुदान देने की घोषणा की।

 

छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं आप लोगों के चेहरे पर जो विश्वास का भाव देख रहा हूं, उससे तय है कि हमलोग सही दिशा में चल रहे हैं। आईआईटी के अधिकांश छात्रों ने देश के आईटी सेक्टर का निर्माण किया है, ठीक वैसे ही जैसे ईंट-दर ईंट किसी भवन का निर्माण होता है।

 

पीएम ने अपने संबोधन में कहा, आईआईटी की अवधारणा प्रौद्योगिकी के जरिए राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए की गई थी, देश को आईआईटी और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आईआईटी ने विश्व में भारत को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया है और इनकी सफलता ने भारत को तकनीकी श्रम शक्ति के रूप में विश्व का सबसे बड़ा केंद्र बनने में मदद की है। प्रधानमंत्री ने नवोन्मेष और उद्यमिता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इन दोनों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की आधारशिला रखी।

 

पीएम मोदी ने छात्रों से अपील करते हुए कहा, भारत में इंसानियत की भलाई के लिए नई खोज (नवोन्मेष) होनी चाहिए। ये नवोन्मेष पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने से लेकर कृषिगत उपज बढ़ाने के लिए होने चाहिए। स्वच्छ ऊर्जा से लेकर जल संरक्षण और कुपोषण से लड़ने से लेकर प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए नवोन्मेष होने चाहिए।

 

पीएम मोदी ने कहा कि नवोन्मेष 21वीं सदी का सबसे अधिक लोकप्रिय शब्द बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”यदि आप नवोन्मेष नहीं करते हैं तो आप एक ही जगह ठहर जाएंगे। ये केवल सरकारी प्रयास नहीं है। नए विचार कैम्पस के युवाओं के दिमाग से आते हैं, सरकारी इमारतों और चमक दमक वाले कार्यालयों से नहीं। आईआईटी के इतिहास के पन्नों को पलटते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद, तकनीक के जरिए राष्ट्र निर्माण में योगदान की खातिर इनकी अवधारणा की गयी थी।

 

 

देखें पीएम मोदी का संबोधन –