प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार (20 मई) को जापान के हिरोशिमा (Hiroshima) में क्वाड (Quad) देशों के राष्ट्राध्क्षों के साथ बैठक की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमें 2024 में भारत में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में खुशी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी अल्बनीज और जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ ही मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि इस क्वाड समिट में हिस्सा लेते हुए मुझे खुशी हो रही है.
बता दें कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के दायरे में हिंद महासागर क्षेत्र को लाना चाहता है, लेकिन हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए क्वाड लगातार काम कर रहा है. इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. ऐसे में कई मौकों पर चीन की नापाक हरकतों पर उसे क्वाड सदस्य देशों से कड़े रुख का सामना करना पड़ता है. वहीं चीन भले ही अपनी विस्तारवादी नीति पर काम कर रहा हो, लेकिन वह सीधे तौर पर भारत-अमेरिका से टक्कर लेने से बचता रहा है. मालूम को कि चीन की नापाक नीति पर भारत चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की नीति पर काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने क्वाड के सदस्यों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस समूह का प्राथमिक उद्देश्य मुक्त, खुले, समृद्ध और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करना है. इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने हिस्सा लिया.
‘हिंद-प्रशांत में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने का अहम मंच है क्वाड’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक कारोबार, नवाचार और विकास का ‘इंजन’ है तथा इसकी सफलता एवं सुरक्षा पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सफलता और सुरक्षा पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है तथा ‘हम रचनात्मक एजेंडे और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘एकजुट प्रयासों के साथ, हम मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने दृष्टिकोण को व्यावहारिक आयाम दे रहे हैं.’
आतंकवाद के खिलाफ क्वाड देशों ने जारी किया संयुक्त बयान
वहीं क्वाड समिट में शामिल नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, ‘हम सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से उत्पन्न खतरों को रोकने, पता लगाने और प्रतिक्रिया करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए व्यापक और निरंतर तरीके से अपने क्षेत्रीय भागीदारों के साथ काम करेंगे.’
इसमें क्वाड के सदस्य देशों ने यह भी कहा, ‘हम इस तरह के आतंकवादी हमलों के अपराधियों की जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम मुंबई में 26/11 और पठानकोट के हमलों सहित आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा उचित रूप से पदनामों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं.’
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