चीन (China) ने आठ माह बाद स्वीकार किया कि गलवान घाटी (Galwan Valley) में पिछले साल जून में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में उसके सैनिक भी मारे गए थे। चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर कहा है कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में उसके पांच सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।
चीन की सेना के आधिकारिक अखबार पीएलए डेली की शुक्रवार की खबर के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने उन पांच सैन्य अधिकारियों और जवानों को याद किया, जो काराकोरम पहाड़ियों पर तैनात थे और जून 20220 में गलवान घाटी में भारती के साथ सीमा पर संघर्ष में मारे गए या घायल हुए थे।
ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए डेली की खबर के हवाले से बताया कि गलवान में झड़प के दौरान मरने वालों में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ भी शामिल थे। पीएलए की हाई कमान सीएमसी ने क्वी फबाओ को ‘सीमा की रक्षा करने वाले नायक रेजिमेंटल कमांडर’ की उपाधि दी है। चेन होंगजुन को ‘सीमा की रक्षा करने वाला नायक’ तथा चेन शियानग्रांग, शियो सियुआन और वांग झुओरान को ‘प्रथम श्रेणी की उत्कृष्टता’ से सम्मानित किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहला मौका है जब चीन ने यह स्वीकार किया है कि गलवान में उसके सैन्यकर्मी मारे गए थे तथा उनके बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से चार सैन्यकर्मी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में भारत की सेना का सामना करते हुए मारे गए। खास बात ये है कि चीन ने घायलों की संख्या सिर्फ एक बताई है, जिसे जानकारों ने गलत बताया है। उनका कहना है कि घायलों की संख्या जरूर इससे ज्यादा ही होगी।
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बहरहाल, भारत ने घटना के तुरंत बाद अपने शहीद सैनिकों के बारे में घोषणा की थी लेकिन चीन ने शुक्रवार से पहले आधिकारिक तौर यह कभी नहीं माना कि उसके सैन्यकर्मी भी झड़प में मारे गए। भारत और चीन की सेना के बीच सीमा पर गतिरोध के हालात पिछले वर्ष पांच मई से बनने शुरू हुए थे, जिसके बाद पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों ओर के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
इसके बाद दोनों ही पक्षों ने सीमा पर हजारों सैनिकों तथा भारी भरकम हथियार एवं युद्ध सामग्री की तैनाती की थी। गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हुई झड़प के दौरान भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। चार दशक से भी अधिक समय में भारत-चीन सीमा पर हुई यह सबसे हिंसक झड़प थी। रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी टीएएसएस ने 10 फरवरी को खबर दी थी कि गलवान घाटी की झड़प में चीन के 45 सैन्यकर्मी मारे गए थे। पिछले वर्ष, अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उक्त झड़प में चीन के 35 सैन्यकर्मी मारे गए थे।
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