श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से एक मुस्लिम डॉक्टर का हैवानियत भरा कारनामा सामने आया है, जिसे मेडिकल जिहाद कहा जा रहा है. बता दें यहां के एक मुस्लिम डॉक्टर सेइगु सियाब्देन मोहम्मद साफी ने कई सारी हिंदू और बौद्ध महिलाओं की बिना बताए नसबंदी कर दी. डॉक्टर के खिलाफ 10 से ज्यादा महिलाओं ने जब शिकायत दर्ज कराई तो जांच के बाद पुलिस ने 24 मई को उस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया था. गौरतलब है कि अप्रैल में ईस्टर संडे के दिन आत्मघाती हमलों से पूरा श्रीलंका दहल गया था.
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दरअसल, कई लोगों का मानना है कि मोहम्मद साफी ने यह अपराध चरमपंथी विचारों से प्रेरित होकर किया है. डॉक्टर के पास से जमीनों के 17 दस्तावेज और 40 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की बात सामने आई है. पुलिस का कहना है कि मामले में यह भी सामने आया है कि 3 सिजेरियन होने के बाद अनिवार्य रूप से मुस्लिम महिलाओं की नसबंदी करनी होती है. मगर, डॉक्टर ने ऐसा नहीं किया और मुस्लिम महिलाओं की नसबंदी करने के फर्जी दस्तावेज दिए थे कि उनकी नसबंदी कर दी गई है.
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इस दौरान पुलिस ने डॉक्टर का कंप्यूटर, फाइलें और कई दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया है. माना जा रहा है कि जांच में कई और चौंकाने वाली जानकारियां सामने आएंगी. खबर में दावा किया गया है कि डॉक्टर साफी नेशनल तौहीद जमात का सदस्य था. उसने सिजेरियन सेक्शन के दौरान 4 हजार सिंहल बौद्ध महिलाओं की नसबंदी की थी जो अपने पहले बच्चे को जन्म दे रही थीं. बताया जा रहा है कि सभी पीड़ितों की उम्र 28 से 30 साल के बीच है.
इस आरोपी डॉक्टर के खिलाफ करुनेगला टीचिंग हॉस्पिटल की एक नर्स ने भी अस्पताल के डायरेक्ट से शिकायत की थी. नर्स ने बताया कि ‘आरोपी डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी करके उनके गर्भ को निकालकर बांझ बना दिया. डॉक्टर ने 4 मार्च को ऑपरेशन किया था, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने के बाद उसे कुछ दिनों के बाद अस्पताल में फिर से भर्ती होना पड़ा था’.
नर्स ने डायरेक्टर को पत्र लिखकर कहा कि उसे बाद में पता चला कि उसका गर्भ ही निकाल दिया गया है. यह जानकारी भी सामने आई है कि संदिग्ध डॉक्टर ने किसी तीसरे व्यक्ति को बच्चा देने के लिए मां का नाम दस्तावेजों में बदल दिया था. फर्जी दस्तावेजों के जरिये वह बच्चे को अवैध तरीके से देने की कोशिश कर रहा था. पुलिस प्रवक्ता एसपी रुवन गुनसेकरा ने इस मामले पर बात करते हुए जनता से अनुरोध किया है कि यदि किसी की भी सहमति के बिना उसकी नसबंदी की गई हो, तो वह डॉक्टर के खिलाफ सीआईडी में शिकायत दर्ज करे.
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