यूपी के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में वीडियो सर्वे के आदेश देने वाले जज को धमकी भरा लेटर मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जिसके बाद जज की सुरक्षा में 10 जवान लगाए गए हैं. दरअसल, वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर को इस्लामिक आजाद मूवमेंट नामक संस्था की ओर से धमकी दी गई है. ये लेटर काशिफ अहमद सिद्दीकी ने भेजा है. उन्होंने इस धमकी की जानकारी यूपी प्रमुख गृह सचिव को जानकारी दी है. जिसके बाद इनकी सुरक्षा बढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं.
जज को मिला धमकी भरा खत
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को दिन में एसीजेएम रवि कुमार दिवाकर को एक पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट से मिला है, जिसमें कुछ और कागज भी संलग्न हैं. जज को मिले खत में लिखा गया है, “अब जज भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को खुश करने के लिए सुनाते हैं. इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं. आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण मिला है. फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है…?”
खत में आगे लिखा है, “आज कल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं. आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है. आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं. आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे.”
सुरक्षा में लगाए गए 10 पुलिसकर्मी
इस धमकी भरे लेटर के मिलने के बाद जज की सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी लगा दिए गए हैं. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. वैसे सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी के सर्वे का फैसला सुनाते वक्त भी अपनी जान को खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि साधारण केस में भी डर का माहौल बनाया गया. यह डर इतना है कि मेरे परिवार को मेरी और मुझे अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता रहती है.
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