फलों और सब्जियों के साथ उनके छिलकों में भी छिपा है पोषक तत्वों का खजाना, इन बीमारियों में है कारगर

लाइफस्टाइल: हम सभी को पता है की फल और सब्जियां हमारी सेहत के लिए कितने फायदेमंद होते हैं. वहीँ इसमें मौजूदा विटामिन और पोषक तत्व शरीर को काफी ज्यादा फायदा भी पहुंचाता है. लेकिन अगर हम आपसे कहें की फल, सब्जी ही नहीं बल्कि उनके छिलके भी हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसलिए अगली बार जब भी आप कोई फल खाएं तो उसका छिलका फेंकें नहीं, बल्कि उसका इस्तेमाल करें. इससे स्किन की दिक्कतों से लेकर डिप्रेशन तक का इलाज किया जा सकता है. हम बताते हैं कैसे…


लहसुन से कम होता है स्ट्रोक का खतरा-
लहसुन का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी होती है. लहसुन के छिलके में फिनायलप्रॉपेनाइड नाम के एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं. इससे हार्ट की बीमारियां और स्ट्रोक से बचने में भी मदद मिलती है.


ऐसे करें इस्तेमाल
बस रोज सुबह खाली पेट दो कली लहसुन चबाएं, वो भी बिना छिलका उतारे या फिर सब्जी-चटनी में भी छिलका सहित लहसुन का इस्तेमाल करें.


नाशपाती से लिवर के रोग में मिलती हैं राहत-
नाशपाती के छिलके में विटामिन-सी और फाइबर के साथ ब्रोमलेन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसमें मेटाबॉलिज्म भी काफी उच्च मात्रा में होता है, जो पेट डेड टिशू को बॉडी से बाहर निकालने में भी मदद करता है. इसकी मदद से लीवर रोग भी दूर रहता है.


ऐसे करें इस्तेमाल
अगर आपको नाशपाती छिलके के साथ खाना नहीं पसंद है तो उसका जूस, शेक या सूप बनाकर भी पीया जा सकता है.


संतरा-मौसमी से कम होता है ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की दिक्कतें-
संतरे-मौसमी जैसे खट्टे फलों के छिलके में सुपर-फ्लैवोनॉयड मौजूद होता है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है. साथ ही, ब्लड फ्लो के दौरान धमनियों पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ने देता. इससे हार्ट भी सेफ रहता है.


ऐसे करें इस्तेमाल
सब्जी-सूप में संतरे और मौसमी का छिलका कद्दूकस करके डाल सकते हैं. या फिर केक या मफिन में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है. इसके अलावा आप जूस बनाकर पी सकते हैं.


केले के छिलके से दूर होता है डिप्रेशन-
केले के छिलके में ‘फील गुड’ हॉर्मोन सेरोटोनिन मौजूद होता है, जो बेचैनी या उदासी के भाव को कम करता है. साथ ही, इसमें ल्यूटिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भी शामिल होता है जो आंखों के सेल्स को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है और मोतियाबिंद के खतरे को भी कम करता है.


ऐसे करें इस्तेमाल
केले के छिलके को दस मिनट तक साफ पानी में उबालें. इसके बाद पानी को ठंडा करें और छानकर पी लें.


कद्दू के छिलके से कम होता है कैंसर का खतरा-
कद्दू के छिल्के में बीटा कैरोटीन मौजूद होता है जो फ्री-रैडिकल्स का खात्मा कर सकता है. इससे कैंसर से बचाव में मदद मिलती है. इसके अलावा, इसमें मौजूद जिंक नाखून को मजबूत बनाते हैं. कद्दू का छिलका स्किन सेल्स को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कारगर साबित होता है.


ऐसे करें इस्तेमाल
अगर कद्दू का छिलका मुलायम हो, तो सब्जी के साथ पकाएं. लेकिन अगर छिलका कड़ा है तो उसे धूप में सुखाएं और ओवन में भूनकर चिप्स की तरह भी खाया जा सकता है.


आलू से होती है डाइजेशन की दिक्कतें-
आलू का छिलका रोजाना जरूरी जिंक, आयरन, विटामिन-सी, पोटैशियम की जरूरत को पूरा करता है. साथ ही, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी आलू के छिलके बहुत मदद करते हैं. इससे डाइजेशन तो सही रहता ही है, साथ में त्वचा पर निखार लाने में भी कारगर साबित होता है.


ऐसे करें इस्तेमाल
आलू की सब्जी या भरता छिलका सहित बनाएं. इसके अलावा, आलू को बारीक काटकर कुछ देर गर्म पानी-नमक के घोल में रखें और धूप में सुखाकर चिप्स की तरह खाएं.


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