‘अजमेर 92’ फिल्म को बैन करने की मौलाना शहाबुद्दीन ने उठाई मांग, बोले- एक धर्म विशेष को बनाया जा रहा निशाना

अजमेर-92 फिल्म (Ajmer 92 Film) रिलीज से पहले ही विवादों से घिर गई है। मुस्लिम संगठनों ने इस फिल्म को बैन करने की मांग की है। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी (Maulana Mufti Shahabuddin Razvi) बरेलवी ने अजमेर-92 फिल्म को देश में नफरत फैलाने की साजिश बताया है।

एक धर्म विशेष को बनाया जा रहा निशाना

रजवी ने कहा कि फिल्मों और सोशल मीडिया के जरिए एक धर्म विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। समाज में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। सोमवार को इस फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि ये फिल्म देश के लोगों को भ्रमित करने और समाज में फूट डालने वाली है।

Also Read: Hollywood में जल्द ही डेब्यू कर सकते हैं रणवीर सिंह, टैलेंट एजेंसी WME के साथ साइन किया है कॉन्ट्रैक्ट

उन्होंने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह हिंदू मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल है, जो लोगों के दिलों पर सदियों से राज कर रहे हैं। दरगाह अजमेर शरीफ से हमेशा अमन शांति का पैगाम दिया जाता है। टूटे दिलों को जोड़ने का काम होता है।

फिल्म में दरगाह को गलत तरीके से किया पेश

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि फिल्म के बारे में जो मुझे जानकारी मिली है, उसके अनुसार फिल्म अजमेर-92 में दरगाह को लेकर गलत तरीके से पेश किया गया है। वहां जो शिक्षा दी जाती है, उसे गलत बताया गया है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।

Also Read: Veer Savarkar Biopic: वीर सावरकर का किरदार निभाने के लिए रणदीप हुड्डा ने घटाया 26 KG वजन, सिर भी मुंडवाया

उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में समाज में फूट डालने और नफरत फैलाने के लिए फिल्मों और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। किसी फिल्म निर्देशक को ख्वाजा साहब की दरगाह की तौहीन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। एक खास धर्म के मानने वालों को निशाना बनाने के लिए फिल्मों का सहारा लिया जा रहा है। मौलाना ने सरकार से गुजारिश की है कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )