वाराणसी में हुए संत सम्मेलन में उठी मांग, ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपें मुसलमान

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) जनपद में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति (All India Saints Committee) के सम्मेलन का समापन हो गया। इस सम्मलेन में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। लेकिन विश्वनाथ कॉरिडोर, ज्ञानवापी मस्जिद और श्रीनगर स्थित शंकराचार्य मंदिर में रुद्राभिषेक का मुद्दा खास रहा। इन तीनों मुद्दों पर ने बड़ां ऐलान किया है।


महादेव की नगरी में संतों का जमावड़ा किसी धार्मिक आयोजन के लिए नहीं बल्कि देश के उन अहम मुद्दों को लेकर हुआ, जिसका समाज के हर तबके पर प्रभाव पड़ता है। संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वनाथ कॉरिडोर पर अपनी मुहर लगाई है। पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में सभी प्राचीन मंदिर शामिल हैं, जिसे लेकर डिजाइन पर खासा विवाद भी हुआ था। लेकिन देश भर के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर ने विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण किया और इस कॉरिडोर के डिजाइन पर अपनी मुहर लगाई।


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इस संत सम्मेलन में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बने ज्ञानवापी मस्जिद का मसला भी उठाया गया। संतों के निरीक्षण करने के बाद मुस्लिम समुदाय से मस्जिद को खुद मंदिर प्रशासन को देने की अपील की गई। सन्तों ने कहा कि हमारी मुस्लिम समाज से अपील है कि जो हिंदुओ का है उसे दे दें नहीं तो आंदोलन करके लेंगे।


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यही नहीं, संतों ने जम्मू कश्मीर की तरफ भी धर्म और अध्यात्म के लिए कूच करने की बात की है, जिसकी शुरुआत श्रीनगर में स्थित शंकराचार्य पहाड़ पर बने शंकराचार्य मन्दिर से होगी। बता दें कि धारा 370 के कारण यहां जाना अवरुद्ध था, लेकिन अब धारा 370 हट गयी है. ऐसे में संत अगले वर्ष उस पहाड़ पर जाकर रुद्राभिषेक करेंगे।


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