सोमवार की देर शाम कानपुर पुलिस लाइन में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। जिसकी वजह से वहां बैरकों में रहने वाले पुलिसकर्मियों के मन में दहशत का माहौल बना हुआ है। दरअसल, वहां बनी अंग्रेजों के जमाने की बैरक का जर्जर लेंटर सिपाहियों के ऊपर गिर गया, जिसकी वजह से एक सिपाही की मौत हुई कई घायल हुए। अब यहां रहने वाले पुलिसकर्मियों ने प्रशासन पर सुनवाई ना करने के आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।
डर के साए में गुजरती सिपाहियों की रात
एनबीटी पेपर के मुताबिक, कानपुर पुलिस लाइन में बैरक का निर्माण सन् 1948 में हुआ था। पुलिस लाइन में तैनात पुलिस कर्मी दिनभर की ड्यूटी करने के बाद रात को आराम करते है। बरसात के दिनों में छत से टपकता पानी, जर्जर भवन में रात गुजारते वक्त यही सोचते थे कि कही किसी दिन कोई हादसा न हो जाए। बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मियों को जिस बात का डर था, सोमवार देर रात वही वारदात हो गई।
72 साल पुराने बैरक की छत खड़ी ईंटों के डॉट से गुंबदनुमा आकार की बन थी। छत की डॉट को रोकने के लिए लोहे की बीम भी नहीं पड़ी थी लेकिन फिलहाल इन छतों की मियाद खत्म हो चुकी है। बारिश में लगातार छतों से पानी टपक रहा था। पुलिस बैरक में रहने वाले पुलिस कर्मियों ने कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सिपाहियों का कहना है ये
सिपाहियों का आरोप है कि आलाधिकारी आए दिन पुलिस लाइन की बैरक, मेस, शौचालय आदि देखते हैं। जर्जर हालत देख मरम्मत का आश्वासन भी देते हैं। अमर उजाला अखबार की मानें तो सिपाहियों का आरोप है कि हर साल मरम्मत का पैसा भी आता था, बावजूद इसके मामले को हल्के में लिया गया।
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