कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे भले ही एनकाउंटर में मारा जा चुका है, पर उसकी मुश्किल खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। दरअसल, एसआईटी ने अपनी जांच के बाद विकास की सम्पत्ति को लेकर ईडी से जांच की सिफारिश की थी। मंजूरी मिलने के बाद अब जांच ईडी को सौंप दी गई है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि, सबूतों के आधार पर मनी लांड्रिंग की बात साबित हो सके।
ईडी को सौंपी गईं जांच
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके नेटवर्क में शामिल लोगों की संपत्ति की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) करेगी। इसके लिए गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने इस मामले की जांच ED को सौंप दी है। इस मामले गठित एसआईटी ने अपनी जांच मे विकास दुबे और उसके नेटवर्क के लोगों के खिलाफ 150 करोड़ रुपये की अवैध चल और अंचल सम्पत्ति के दस्तावेज के सबूत जुटाये थे।
वहीं बता दें कि अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई मे एसआईटी का गठन यूपी सरकार ने किया था, जिसकी जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट पहले शासन को दी गई थी। रिपोर्ट में आरोप बनाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी चल रही है। अब ये रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय को इसलिये दी गई है ताकि विकास दुबे के मामले मे सबूतों के आधार पर मनी लॉड्रिंग की जांच की जा सके। जल्द ही ईडी भी अपनी जांच पूरी कर लेगी।
एनकाउंटर में मारा गया विकास दुबे
गौरतलब है कि पिछले साल 2020 में दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने दबिश देने गए पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। इस हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। करीब एक हफ्ते के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते वक्त विकास दुबे ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी, जिसके बाद मुठभेड़ हुई और विकास दुबे मारा गया।
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