यूपी: 8 सिपाहियों ने डंडा छोड़ पकड़ी कलम, अब करेंगे टीचर की नौकरी

उत्तर प्रदेश में हाल ही में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। जिसके अन्तर्गत यूपी पुलिस में तैनात कई सिपाहियों को भी शिक्षक के पदों पर तैनाती मिल गई है। प्रतापगढ़ जिले की बात करें तो जिले में आठ सिपाहियों ने अपने कार्य से इस्तीफा दिया है। ये आठों अब सिपाही की नौकरी छोड़कर कलम पकड़ने की तैयारी में हैं। जिसके लिए इनके साथियों ने भी सभी को बधाई दी है।


इन सिपाहियों ने दिया इस्तीफा

जानकारी के मुताबिक, प्रतापगढ़ जिले में आठ सिपाहियों को बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी मिली तो इनके सपने को जैसे पंख लग गए। अपनी आंखों में बसाए आईएएस और आइपीएस अधिकारी बनने के सपने को ये नौजवान साकार रूप देना चाहते हैं। इन सिपाहियों का शिक्षा विभाग में चयन हुआ है, उनमें सूर्य प्रताप सिंह, संतोष भारती, रीता, वंदना भारती, राजेश कुमार, श्रवण कुमार, अनिकेत आर्य, विनीत कुमार शामिल हैं।


इन सभी ने जिले के एसपी को अपना अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इनका कहना है कि पुलिस में ड्यूटी के दौरान सिविल सर्विस की तैयारी करना बेहद मुश्किल था, लेकिन अब शिक्षक बनने के साथ एक अपने मकसद की तैयारियां कर सकती हैं।


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सिपाहियों के है बड़े सपने

अयोध्या के गोसाइगंज थाना के परमानपुर गांव के रहने सूर्य प्रताप सिंह पुत्र रणजीत सिंह किसान परिवार से हैं। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद से इन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। पहली सफलता वर्ष 2015 में मिली, जब उन्हें सिपाही की नौकरी मिली थी। इसके बाद भी इन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। दूसरी कामयाबी शिक्षक की नियुक्ति के रूप में मिली है। इनका सपना भी सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास करने का है।


वहीं दूसरी तरफ आजमगढ़ जिले के तरवा थाना के हैवतपुर डुभाव गांव निवासी संतोष भारती पुत्र स्वर्गीय जय प्रकाश राम परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य हैं। वर्ष 2016 में इन्हें सिपाही की नौकरी मिली तो पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का नतीजा रहा कि अब संतोष को शिक्षक की नौकरी मिल गई।


इसके साथ ही एटा जिले के अलीगंज थाना के लड़किया गांव की रहने वाली रीता भी आईएएस, आइपीएस बनने का सपना संजोए हुए हैं। साल भर पहले यानि वर्ष 2019 में प्रथम प्रयास में इन्हें सिपाही की नौकरी मिल गई। इसके पहले वर्ष 2018 में शिक्षक भर्ती में इन्होंने किस्मत आजमाई थी, लेकिन कुछ अड़चनों के कारण चयन नहीं हो सका था। पर, अब शिक्षक बनने के बाद ये अपना सपना पूरा करेंगी।


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