पिछले साल हुए विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को अब बड़ी राहत मिली है. जिसके अंतर्गत मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे समेत चार बदमाशों के मामले में डीएम के आदेश पर हुई जांच में पुलिस को क्लीनचिट मिल गई है. इसके साथ ही एनकाउंटर पर उठ रहे तमाम विवादों पर विराम लग गया है.रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की थी. जिस वजह से वो मारा गया. इन्हीं मुठभेड़ों में एसएसपी और आईजी तक घायल हुए थे.
इन एनकाउंटर्स में मिली क्लीन चिट
जानकारी के मुताबिक, 2 जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद एनकाउंटर्स का सिलसिला शुरू हो गया था. घटना के दूसरे दिन विकास के दो साथियों अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडेय को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. वहीँ इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे और पनकी इलाके में प्रभात पांडेय एनकाउंटर में मारा गया था. इसी तरह इटावा में भी बिकरू कांड में फरार बदमाश मारा गया था.
वहीँ विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन से पकड़ा था. उसे कानपुर लाते समय सचेंडी के पास गाड़ी पलट गई थी. हादसे के बाद इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल लूटकर भाग रहा विकास दुबे भी एनकाउंटर में मारा गया था. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए थे. लोगों ने कहा था कि ये फेक एनकाउंटर है. जिस पर मामले की जाँच के आदेश दिए गए थे.
डीएम ने बताया ये
सभी एनकाउंटर की हुई जांच में पुलिसकर्मियों को क्लीनचिट दे दी गई है. डीएम आलोक तिवारी ने बताया कि न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट मिल गयी है, जिनमें इन मुठभेड़ों को सही पाया गया है. वहीँ विकास दुबे एनकाउंटर में उन्होंने ये भी बताया कि, कार पलटते ही विकास दुबे इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल लूटकर भाग निकला. पीछा करने पर वह पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने लगा. पुलिस व एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.
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