बिकरू कांड में यूपी सरकार को मिली बड़ी राहत, SIT रिपोर्ट के खिलाफ दर्ज हुई याचिका रद्द

उत्तर प्रदेश में हुए बिकरू कांड में यूपी सरकार को हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। जिसके अंतर्गत अधिवक्ता सौरभ भदौरिया की ओर से SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने अधिवक्ता सौरभ पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट का कहना है कि यह याचिका व्यक्तिगत हित के लिए दायर की गई है।


हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश

जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने बिकरु कांड की SIT रिपोर्ट और गैंगस्टर जय बाजपेयी पर कानून के हिसाब से कार्रवाई के लिए जनहित याचिका दायर की थी। चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की कोर्ट ने SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को PIL (Public Interest Litigation/जनहित याचिका) मानने से इनकार कर दिया है।


हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि SIT रिपोर्ट शासन में दाखिल हो गई है,तो याची का इसमें क्या स्वार्थ है? यह याचिका व्यक्तिगत हित में दायर की गई है। सोशल एक्टिविस्ट और एडवोकेट नूतन ठाकुर ने हाई कोर्ट में याची का पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही ने बहस की। राज्य सरकार की तरफ से हुई बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।


क्या है बिकरू कांड

गौरतलब है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुर्गो के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके जवाब में यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को मार गिराया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने जांच कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है।


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