यूपी: डेढ़ साल बाद बहाल हुए IPS वैभव कृष्ण, जल्द मिलेगी तैनाती!

नोएडा जिले के एसएसपी रहे आईपीएस वैभव कृष्ण को आखिर डेढ़ साल बाद बहाल कर दिया गया। आईपीएस की अश्लील वीडियो और विभाग के गोपनीय पत्र के वायरल होने के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया था। बीते दिनों डीजीपी मुख्यालय ने वैभव कृष्ण के विरुद्ध की गई विभागीय जांच की रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी थी। जिसके बाद अब तकरीबन 13 माह से अधिक के निलंबन के बाद 2010 बैच के आइपीएस अधिकारी वैभव कृष्ण को बहाल किए जाने का निर्णय किया गया।


अश्लील वीडियो हुआ था वायरल

जानकारी के मुताबिक, आईपीएस वैभव कृष्ण को एक साल डेढ़ महीने के बाद गुरुवार को बहाल कर दिया गया। नौ जनवरी 2020 को एसएसपी नोएडा रहते हुए उन्हें निलंबित किया गया था। उन पर गोपनीय जांच रिपोर्ट को लीक करने का आरोप लगा था। इसके साथ ही एक महिला के साथ उनकी कथित विडियो चैट वायरल हुई थी। इसको लेकर उनकी तरफ से नोएडा में ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी।


दरअसल, वैभव कृष्ण का एक महिला से चैट का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे थे। वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो को फर्जी होने का दावा किया था और नोएडा में एफआइआर भी दर्ज कराई थी। वायरल वीडियो से छेड़छाड़ के दावे पर उसे जांच के लिए गुजरात स्थित फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भेजा गया था। एफएसएल रिपोर्ट में साफ हो गया कि वायरल वीडियो व चैट सही है। वीडियो में एडिटिंग अथवा अन्य कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। महिला से चैट के वायरल वीडियो में वैभव कृष्ण आपत्तिजनक स्थिति में भी नजर आए थे


ये जांच रिपोर्ट लीक करने का लगा था आरोप

गौरतलब है कि, नोएडा में तैनाती के दौरान कथित पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद तबादलों व पोस्टिंग में नोएडा के पूर्व एसएसपी डॉ. अजयपाल शर्मा, तत्कालीन एसपी सुल्तानपुर हिमांशु कुमार, तत्कालीन एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह, तत्कालीन एसपी बांदा गणेश साहा, तत्कालीन एसपी कुशी नगर आर एन मिश्रा की भूमिका को लेकर वैभव कृष्ण द्वारा शासन को भेजी गई एक रिपोर्ट लीक हो गई थी। इस रिपोर्ट के लीक होने के लिए वैभव कृष्ण को दोषी बताते हुए निलंबित कर दिया गया था।


वैभव कृष्ण के आरोपों की जांच मौजूदा डीजीपी और तत्कालीन निदेशक विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने की थी। एसआईटी ने पांच में से दो आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद उनके खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए गए थेकी सिफारिश की थी। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की हुई है, जिसकी जांच चल रही है।


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