राजधानी लखनऊ में पीएसी मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों का बड़ा कारनामा सामने आया है। पीएसी मुख्यालय की सुरक्षा में लगे अलीगढ़ 45वीं वाहिनी पीएसी में तैनात सिपाहियों ने प्लाटून कमांड के जाली हस्ताक्षर बनाकर पुलिस लाइन से हजारों लीटर डीजल हासिल कर बाजार में बेच दिया। सिपाहियों के इस धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
जांच कराने पर दोषी पाए गए सिपाही
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएसी मुख्यालय की सुरक्षा में लगे इन सिपाहियों की कारगुजारी की पोल पीएसी सेनानायक के पास पहुंचे गुमनाम पत्र से खुली है। उधर, इन सिपाहियों पर लगे आरोप की जांच कराने पर चौंकाने वाला सच सामने आया है और सभी सिपाही दोषी पाए गए है्ं।
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ऐसे में प्लाटून कमांडर ने महानगर कोतवाली में सिपाहियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज करा दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, 45वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ में तैनात एसआईएमटी रनवीर सिंह के मुताबिक, 15 सितबंर 2016 से 16 नवंबर 2018 दतक पीएसी मुख्यालय की सुरक्षा के लिए एक प्लाटून तैनात की गई थी।
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एसआईएमटी रनवीर सिंह ने बताया कि पीएसी के दो वाहन भी लगाए गए थे। ड्राइवर मनोज और प्रदीप ने प्लाटून कमांड तेजवीर सिंह के हस्ताक्षर बनाकर पुलिस लाइन से करीब चार हजार लीटर डीजल हासिल किया था। बताया जा रहा है कि प्लाटून कमांड तेजवीर सिंह के जाली हस्ताक्षर कर हासिल किए गए चार हजार लीटर डीजल को बाजार में बेच दिया गया था।
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