कलयुग की लीला: कानपुर के थाने में 19 सालों से कैद हैं भगवान कृष्ण, सिर्फ जन्माष्टमी को थोड़ी देर मिलती है रिहाई

श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक ऐसा त्यौहार है, जिसे पूरा देश बड़ी धूमधाम से मनाता है। इससे जुड़ी श्री कृष्ण की कई लीलाएं ऐसी हैं, जो काफी रोचक है। कलयुग में भी कानपुर जिले में कृष्ण अपनी लीला दिखा रहे हैं। दरअसल, कानपुर देहात के शिवली थाने में पिछले 19 सालों से श्री कृष्ण बन्द हैं। अभी तक इनकी रिहाई के ऑर्डर नहीं मिले हैं। बड़ी बात ये है कि हर जन्माष्टमी को ये बाहर आते हैं।


ये है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, कानपुर देहात के शिवली में प्रचीन राधा कृष्ण मंदिर से 12 मार्च 2002 को बलराम, श्रीकृष्ण व राधा की तीन बड़ी व दो छोटी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गई थीं। मंदिर के सर्वराकर आलोक दत्त ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने सातवें दिन ही चोरों को गिरफ्तार करके मूर्तियां बरामद कर ली थीं।


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पुलिस ने कोतवाली के मालखाने में मूर्तियां रखवाने के बाद चोरों को जेल भेज दिया था। मामले में आरोपित तो जमानत पर रिहा हो गए लेकिन लीलाधर भगवान कृष्ण, बलराम व राधाजी को मालखाने की कैद से आजतक रिहाई नहीं मिल सकी है।


हर साल आते हैं बाहर

इसके बावजूद भी हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन थाना प्रभारी और पुलिस कर्मी श्रीकृष्ण भगवान समेत सभी मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालते हैं। इसके बाद स्नान कराने के साथ नए वस्त्र धारण कराए जाते हैं और फिर रात में उनका पूजन किया जाता है। धूमधाम से थाने में जन्माष्टमी मनाई जाती है और थाने में प्रसाद का भी वितरण होता है। 


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