अलीगढ़: सिपाहियों के कंधे पर आई बड़ी जिम्मेदारी, BPO के नाम से होगी पहचान, SSP ने बनाया प्लान

उत्तर प्रदेश के एसएसपी कलानिधि जहां भी तैनात रहते हैं, उनका मुख्य मकसद पुलिस कर्मियों और जनता के बीच का संवाद बढ़ाना होता है। अब अलीगढ़ जिले में भी एसएसपी ने बढ़ती आबादी को देखते हुए एक कदम उठाया है। जिसके अंतर्गत अब ने दो दिन की समीक्षा के बाद 283 बीट बढ़ा दी हैं। वहीं बीट पर तैनात पुलिसकर्मियों को बीपीओ (बीट पुलिस अफसर) का नाम दिया है। इन सभी के कंधों पर अपनी अपनी बीट की जिम्मेदारी होगी।


एसएसपी ने दिए निर्देश

जानकारी के मुताबिक, अलीगढ़ जिले ने बढ़ते क्राइम को देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बीट प्रणाली के सफल क्रियान्वयन व सूचनाओं के बेहतर आदान-प्रदान के लिए जिले के थानों में पूर्व में बीटों की संख्या को करीब डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। यहां पहले 593 बीट थी, जो अब 876 होंगी। सभी थानों में क्षेत्रफल के हिसाब से 10 थानों 22, 10 थानों में 32 व आठ थानों में 42 बीट विभाजित की गईं हैं।


एसएसपी ने कहा कि बीपीओ को अपने-अपने क्षेत्र में सभी गांव, कालोनी की भौगोलिक स्थिति, पार्षद, पूर्व पार्षद, मंदिर, मस्जिद व अन्य धार्मिक स्थल और उनके पुजारी मौलवी, अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर, नंबरी मोहल्ले, क्षेत्र में चलने वाली यूपी- 112 की गाड़ी की सूचना अपने पास रखेंगे। इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालय, उनके अधिकारी, क्षेत्र की आबादी व उनकी धर्म, जाति के बारे में पूर्ण जानकारी, सभी शस्त्र धारकों, पेट्रोल पंप, स्कूल कालेज के बारे में भी जानकारी रखेंगे।


सिपाही को मिलेगी यूनिक आईडी

इसके साथ ही बीट बुक को थाने के स्थाई अभिलेखों में शामिल किया जाएगा। सभी बीटों को एक यूनिक आइडी नंबर दिया जाएगा। बीट सिपाही अपराधियों से लेकर हर जानकारी पर नजर रखेंगे। सभी के पास बीट बुक होगी। बीट पर तैनात पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त शेष बचे अन्य सिपाहियों को लिंक अधिकारी नामित किया जाएगा। बीट पुलिस अधिकारियों को ग्रामीणों से भी समन्वय बैठाकर काम करना होगा।


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