UP: अगर पानी में डूबने से हुई मौत तो मुआवजा देगी योगी सरकार, आदेश जारी

यूपी में योगी सरकार ने अब कुआं, पोखर, नदी, झील, तालाब, नाल, नहर, गड्ढा या अन्‍य किसी जलस्रोत में डूब कर होने वाली मौतों को राज्य आपदा (State Disaster) घोषित किया गया है। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। आपदा के कारण या दुर्घटनावश डूबने से हुई मृत्यु तथा स्वेच्छा से डूब कर हुई मौत (आत्महत्या) में अंतर करने के लिए शासन ने प्रक्रिया तय कर दी है। ऐसे मामलों में पहले शव का पंचनामा किया जाएगा।


अधिसूचना में लिखा ये

जानकारी के मुताबिक, यूपी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य आपदा की श्रेणी में डूबकर होने वाली मौतों को भी शामिल किया गया है। ऐसी मौतों पर एसडीएम द्वारा स्थलीय परीक्षण किया जाएगा। एसडीएम द्वारा उसकी पुष्टि करने के बाद ही मुआवजा दिया जाएगा। आपदा या दुर्घटनावश डूबकर होने वाली मृत्यु या फिर स्वेच्छा से डूबकर होने वाली मृत्यु में अंतर का अंमित फैसला डीएम का होगा।


इसके साथ ही अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या या अन्य आपराधिक मामलों के फलस्वरूप होती है, तो ऐसी दशा में मृतक आश्रित को कोई सहायता राशि नहीं दी जाएगी। उक्त घोषित राज्य आपदा के संबंध में होने वाला खर्च स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से व्यय किया जाएगा।


पहले इन तरह की घटनाओं का नाम था शामिल

पहले प्रदेश सरकार अब तक बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व  गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना तथा मानव वन्यजीव द्वंद आदि 11 तरह की घटनाओं को राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है। प्रदेश में हर साल नदी, तालाब, नहर, नाला व गड्ढे में डूबने से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। डूबने से मौत होने को अभी तक राज्य आपदा घोषित नहीं किया गया था जिससे पीड़ित परिवारों को राज्य आपदा मोचक निधि से मदद नहीं मिल पा रही थी, पर अब ऐसा नहीं होगा।


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