राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को मिली धमकी को सहानुभूति पाने का जरिया बताया है.
शरद पवार ने पुणे में एक संबोधन के दौरान कहा ‘कुछ लोगा धमकी भरे खत की बात कर रहे हैं. मैने एक सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी से बात की है, जिन्होंने सीआईडी में काम किया है. उन्होंने मुझे बताया कि पत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है. यह पत्र सिर्फ लोगों की सहानुभूति पाने का जरिया था.’
They say there was a threatening letter. I spoke to a retired police officer, who had worked for CID. He said there is no substance in the letter. The letter is being used to garner people's sympathy: Sharad Pawar, NCP President in Pune #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/Uzj1TbL5OO
— ANI (@ANI) June 10, 2018
इसी के साथ एनसीपी अध्यक्ष ने पुणे पुलिस द्वारा हाल ही में गिरफ्तार किए गए पांच कथित नक्सलवादियों पर भी अपने विचार व्यक्त किए. इन लोगों को पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस पर शरद पवार ने कहा ‘एक जैसी विचारधारा के लोग एकजुट होते हैं तो उन्हें नक्सली बता कर गिरफ्तार कर लिया जाता है.’ साथ ही उन्होंने कहा ‘भीमा-कोरेगांव हिंस्सा में सब को छोड़ कर उन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनका उस से कोई संबंध ही नहीं था. यह ताकत का गलत इस्तेमाल है.’
When like-minded people came together to organise Elgar Parishad, they were called naxals & arrested. Everyone knows who executed #BhimaKoregaonViolence but those who have no link with it, were arrested. This is misuse of power: Sharad Pawar, NCP President in Pune #Maharashtra pic.twitter.com/SMpGfPL5lK
— ANI (@ANI) June 10, 2018