सरेआम छलका CM कुमारस्वामी का दर्द, रोते हुए बोले- पी रहा हूं गठबंधन सरकार का जहर

कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस सरकार के गठबंधन के बीच दरार साफ़ दिखने लगी है. सीएम एचडी कुमारस्वामी का दर्द एक कार्यक्रम के दौरान सरेआम छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि “सरकार चलाना एक तरह से विषपान करना है. सीएम एचडी कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार की मजबूरियां गिनातें हुए भावुक हो गए और उनके आंखों से आसूं आ गए. रुधे गले आंखों में आसूं लिए कुमार स्वामी ने कहा कि मुझे गठबंधन सरकार में जहर पीना पड़ रहा है.”.

 

किसानों का कर्ज माफ करने पर सीएम कुमास्वामी को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में जैसे ही किसान नेता कुमारस्वामी के स्वागत में उन्हें माला पहनाना चाहा  और गुलदस्ता हाथों में थमाना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया.

 

इसके बाद कुमारस्वामी बोले- “आपको लग रहा होगा कि आपका अन्ना मुख्यमंत्री बन गया है, मैं आपको बताता हूं कि मैं खुश नहीं हूं … मैं अपना दर्द बिना बांटे  हुए जहर पी रहा हूं. मैं इस हालात से खुश नहीं हूं”.

 

सीएम कुमारस्वामी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा कि “ऐसी सरकार का मुखिया बनने में उन्हें जरा भी खुशी नहीं हो रही है जिसको स्पष्ट जनादेश नहीं है”.

 

कुमारस्वामी ने कहा कि “पिछले एक महीने से लोन माफी के लिए राजी करने के लिए मैं अधिकारियों से किस तरह की आग्रह कर रहा हूं ये कोई नहीं जानता है. उन्होंने कहा, अब वे ‘अन्न भाग्य स्कीम’ में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहते हैं. मैं इसके लिए कहां से 2500 करोड़ लेकर आऊं ? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना हो रही है. इसके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी लोन माफी स्कीम में स्पष्टता नहीं है. अगर मैं चाहूं तो 2 घंटो के भीतर सीएम पद छोड़ दूं”.

 

कुमार स्वामी ने भावुक भाषण देते हुए कहा कि “ईश्वर ने मुझे यह शक्ति (सीएम पद) दी है. वह तय करेंगे कि मुझे कितने दिन रहना है.’ कुमारस्वामी ने एक तरह से विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शनों को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने सीएम का पद केवल लोगों की भलाई के लिए लिया”.

 

कुमारस्वामी ने कहा कि चुनाव के दौरान वे जहां भी गए लोग उन्हें सुनने के लिए आए, लेकिन वोट देने के वक्त वे उन्हें और उनकी पार्टी के कैंडिडेसट्स को भूल गए.

 

कुमारस्वामी ने कहा कि मेरा सपना था कि मैं पार्टी के वादों और पिता एचडी देवगौड़ा के अधूरे कामों को पूरा करूं.