Bihar Election Result: LJP के चलते BJP प्रत्याशी से जीत गए तेजस्वी, नहीं तो अपनी ही सीट बचाने के पड़ जाते लाले!

बिहार में फिर एक बार नीतीश कुमार की सरकार (Bihar Election Result 2020) आ रही है लेकिन तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) ने भी एक अच्छी लड़ाई लड़ी उससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है. आरजेडी की इस लड़ाई मे चिराग पासवान की एलजेपी(LJP) ने भी खूब साथ दिया. कई सीटों पर एलजेपी ने बीजेपी (BJP) का खेल बिगाड़ा. इतना ही नहीं अगर चिराग पासवान एनडीए के साथ लड़ रहे होते तो शायद तेजस्वी यादव खुद भी अपनी सीट नहीं बचा पाते. तेजस्वी ने 37 हजार वोटों से ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी के सतीश यादव को हराया है. तेजस्वी यादव को 96,786 वोट जबकि 58,966 वोट मिले, दोनों प्रत्याशियों के बीच 37,760 वोटों का अंतर रहा.


शुरुआती चरणों में सतीश यादव ने तेजस्वी यादव को कड़ी टक्कर दी थी. बाद में चरण बढ़ने के साथ वो पिछड़ते चले गए. लेकिन इन सबके बीच एक दिलचस्प बात ये है कि लोकजनशक्ति पार्टी के कैंडिडेट राकेश रोशन ने भी अच्छे-खासे वोट हासिल किए हैं. कहा जा सकता है कि अगर लोकजनशक्ति पार्टी भी एनडीए का हिस्सा होती तो तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती थीं, शायद उन्हें अपनी सीट बचाने के लाले पड़ जाते.


बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों ने चिराग पासवान और उनकी अगुवाई में पहली बार चुनाव लड़ रही लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को तगड़ा झटका लगा है. युवा बिहारी की टैगलाइन के साथ बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का नारा लगाने वाले चिराग पासवान के नेतृत्व में एलजेपी सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई. हालांकि, यह तो तय माना जा रहा है कि चिराग भले ही एक से अधिक सीटें नहीं जीत पाए लेकिन उन्होंने एनडीए को तगड़ा नुकसान जरूर पहुंचाया है.


राघोपुर सीट का चुनावी इतिहास और जातीय गणित 


विधानसभा सीट गठन के बाद यादव बहुल राघोपुर विधानसभा सीट पर अब तक 2000 के उप-चुनाव समेत कुल 20 चुनाव हो चुके हैं. इसमें पांच-पांच बार कांग्रेस और आरजेडी, दो-दो बार जनता दल और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और एक-एक बार JDU, लोकदल, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता पार्टी, जनसंघ, और सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट बन चुके हैं. अबतक अंतिम छह में से पांच बार यहां RJD ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया है. 90 के दशक से लालू परिवार का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर करीब 30 प्रतिशत यादव वोटर्स हैं. भूमिहार और पासवान वोटरों की संख्या भी अच्छी है.


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