पश्चिम बंगाल : कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी BJP की रथ यात्रा को मंजूरी, भाजपा नेता बोले- ये फैसला ‘तानाशाही’ के मुंह पर जोरदार तमाचा

पश्चिम बंगाल में बीजेपी की प्रस्तावित रथ यात्रा को कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि रथ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था का उल्लंघन न किया जाए। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी को तीन यात्राओं की मंजूरी दी है। ऐसे में हाई कोर्ट के इस फैसले को ममता सरकार के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने बीजेपी की रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी।

 

बीजेपी नेता बोले- कोर्ट का फैसला तानाशाही के मुंह पर तमाचा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि गुरुवार को बीजेपी के वकीलों को अपनी आखिरी दलील पेश करने के लिए 15 मिनट और राज्य सरकार को दस मिनट का समय दिया जाएगा। इसके बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।

 

Also Read : हनुमान जी की जाति के बाद अब भाजपा नेता ने बताया धर्म, बोले- ‘मुसलमान थे हनुमान’

वहीं, कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि हम इसका स्वागत करते हैं और न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा। बीजेपी नेता ने कहा कि कोर्ट का ये फैसला तानाशाही के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है, हमने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन यह तय है कि पीएम मोदी और पार्टी प्रमुख रथ यात्रा में हिस्सा लेंगे।

 

खुफिया रिपोर्ट की मानें तो किसी को रैली की परमिशन नही दी जा सकती

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान जज तपोव्रत चक्रवर्ती ने भाजपा के वकील से कहा कि अदालत रथयात्रा की अनुमति दे सकती है, लेकिन उसकी वजह से अगर सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ा और कानून व व्यवस्था की समस्या पैदा हुई तो क्या होगा?

 

Also Read: एक मुस्लिम होने के कारण मुझे हिंदुस्तान में डर लगता है :नसीरुद्दीन शाह

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत ने राज्य सरकार से भाजपा नेताओं के साथ बीते सप्ताह हुई बैठक का वीडियो फुटेज मांगा था। बीते शनिवार को सरकार ने भाजपा के प्रस्तावित रथ यात्रा की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा था कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने और कानून – व्यवस्था की समस्या पैदा होने का अंदेशा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान जज और एडवोकेट जनरल के बीच बहस भी हुई। जज ने कहा कि अगर खुफिया विभाग की रिपोर्ट को आधार मानें तो किसी भी रैली की अनुमति नहीं दी जा सकती।

 

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करेंआप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )