उत्तर प्रदेश में बाढ़ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस समय राज्य के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इस बीच यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (ajay kumar lallu ) ने सूबे की सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से किसानों को मुआवजा दे ताकि इस विपदा की घड़ी में उन्हें राहत मिल सके।
अजय लल्लू ने कहा कि बाढ़ की वजह से दर्जनों जिलों में कहर मचा है, धान और गन्ने की खेती डूब गई है। अजय लल्लू ने कहा कि वह पिछले एक हफ्ते से बाढ़ पीड़ितों के बीच घूम रहे हैं। बहराइच से लेकर बलिया तक स्थिति बहुत भयानक है। जगह जगह तटबन्धों की दशा बहुत ही दयनीय हालत में है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे सरकार की लापरवाही उजागर होती है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बाढ़ में अपार जनधन की हानि हुई है। सरकार को तत्काल प्रभाव से पीड़ित जनता की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, मऊ, आज़मगढ़ समेत कई जिलों में गन्ना और धान की फसल डूब गई है। कई जिलों में तेज बारिश से भी बहुत नुकसान हुआ है। वहां भी फसलें बर्बाद हो गईं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान लगातार कई सालों से प्राकृतिक आपदा और किसान विरोधी सरकारी नीतियों के शिकार हो रहे हैं। उनके जेब में फूटी कौड़ी तक नहीं है। सरकार तत्काल प्रभाव से बाढ़ को आपदा घोषित करे और जनधन की हुई हानि का मुआवजा घोषित करे।
बता दें कि इस समय शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं। राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि तटबंधों पर लगातार गश्त की जाए और भूमि क्षरण रोकने के कदम उठाये जाएं। राहत कार्यों में नौकाओं का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने रोगों से निपटने के लिए दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा है।
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