पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मंगलवार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के बाद से सियासी संग्राम छिड़ गया है. यूपी के लखनऊ में ममता सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ बीजेपी ने बुधवार को मौन जुलूस निकाला. इस दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी नेता और समर्थक इकठ्ठा हुए.
बीजेपी ने इस जुलूस में तख्तियों और बैनर के माध्यम से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. इस दौरान बीजेपी अवध प्रांत के अध्यक्ष सुरेश तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन, अलोक अवस्थी तो वहीं आईटी विभाग से राजीव मिश्रा, कामेश्वर मिश्रा और सुखविंदर सोम ने हिस्सा लिया.
बता दें कि बंगाल में लोकसभा चुनाव के पहले चरण से लेकर छठे चरण तक सभी में हिंसा की ख़बरें सामने आयीं हैं. टीएमसी कार्यकर्ताओं पर फर्जी वोटिंग और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का आरोप लगा हैं, लेकिन मंगलवार को हद तब हो गयी जब बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हिंसक झड़प हो गयी. टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि बीजेपी अध्यक्ष के रोड में जानबूझकर आगजनी और बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट की. हालांकि अमित शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई और सीआरपीएफ उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई.
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली का सियासी पारा और गरम हो गया है. BJP ने राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर घटना के विरोध में प्रदर्शन किया तो वहीँ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेस करके ममता सरकार पर जमकर हमले बोले. अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी हार से घबराकर हिंसा करवा रही हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग गड़बड़ी करने वालों पर सख्ती क्यों नहीं कर रहा है और ममता की धमकी पर चुनाव आयोग ने एक्शन क्यों नहीं लिया. बीजेपी अध्यक्ष ने ममता सरकार पर चुनाव के दौरान बंगाल में एक भी हिस्ट्रीशीटर को न पकड़ने का भी आरोप लगाया है.
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