केरल (Kerala) की राजधानी तिरुवनंतपुरम के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को अधिकारियों ने एयर कार्गो के जरिए पहुंचे सामान में 30 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया. बताया जा रहा है कि इसके तार यूएई के महावाणिज्य दूतावास से संबंधित एक राजनयिक खेप से जुड़े हुए हैं. वहीं, अब इसमें केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम भी सामने आ रहा है. यूएई की एक पूर्व वाणिज्य अधिकारी स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) इस मामले की मुख्य आरोपी हैं. स्वप्ना को सीएम पिनराई विजयन (Pinrai Vijayan) का बेहद करीबी बताया जा रहा है, जिसके चलते विपक्ष सीएम पर सवाल उठा रहा है.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पी विजयन की करीबी स्वप्ना सुरेश ने ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का इस्तेमाल कर 30 किलो सोने की तस्करी की. आरोप है कि यूएई की वाणिज्य दूतावास में काम कर चुकी स्वप्ना सुरेश ने फर्जी कागजात के जरिए सोने की तस्करी की. स्वप्ना सुरेश के इस मामले में आरोपी होने का पता चलते ही मुख्यमंत्री कार्यालय और आईटी सचिव ने कस्टम अधिकारियों पर उसे रिहा करने का दबाव बनाया. आईटी विभाग मुख्यमंत्री पी विजयन के पास है और उनके प्रधान सचिव एम शिवशंकर इस विभाग के सचिव भी हैं.
टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार यूएई की वाणिज्य दूतावास में काम कर चुकी स्वप्ना सुरेश वर्तमान में आईटी विभाग के अंतर्गत केरल स्टेट आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) के तहत स्पेस पार्क की ऑपरेशन मैनेजर हैं. बताया जाता है कि स्वप्ना को आईटी विभाग में इतना बड़ा पद दिए जाने के पीछे एम शिवशंकर ही है. कहा जा रहा है कि एम शिवशंकर स्वप्ना को बचाने में लगे हैं.
दरअसल केरल में तिरुवनंतपुरम के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर कार्गो के जरिए पहुंचे सामान से 2 जुलाई को 30 किलोग्राम से अधिक सोना बरामद किया गया. सोने को डिप्लोमैटिक बैग में भर कर लाया गया था और डिप्लोमेटिक इम्युनिटी के जरिए इसे एयरपोर्ट से पास कराने की कोशिश की गई. इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम अधिकारियों ने यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व पीआर अधिकारी सरित को हिरासत में लिया. उसे पता था कि राजनयिक सामान की जांच नहीं की जाती है, इसलिए उसने स्वप्ना के साथ दूतावास के कुछ अधिकारियों के साथ संपर्क बना डिप्लोमेटिक चैनल का उपयोग कर सोने की तस्करी की.
बताया जा रहा है कि स्वप्ना दूतावास में काम करते वक्त तो सरित के साथ सहयोग करती ही रही, कार्यालय छोड़ने के बाद भी तस्करी में उसका साथ देती रही. अमर उजाला के अनुसार इसके लिए उसने अपने कनेक्शन का भी इस्तेमाल किया.
विजयन ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने भ्रष्टाचार में शामिल किसी व्यक्ति के साथ कभी कोई संवाद नहीं किया और राज्य की जनता यह जानती है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोग बच नहीं पाएंगे. मामले के एक आरोपी और यूएई में तिरुवनंतपुरम के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सरित कुमार को सोमवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद मामले में 14 दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया है. हालांकि, सीमा शुल्क विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि एक अन्य महिला स्वप्ना सुरेश भी इस मामले में संदेह के घेरे में है. महिला ने सोने से भरे बैग पर अपना दावा किया था.
कांग्रेस का आरोप, CMO बन गया अपराधियों का अड्डा
स्वप्ना सुरेश यूएई वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी भी थी. इसके साथ ही वह केरल सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी कंपनियों में से एक में पीआरओ पद पर भी काम कर रही थी. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया, ‘गंभीर आरोपों के बाद संबंधित व्यक्ति का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है.’
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्नितला ने यह आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की कि मुख्यमंत्री कार्यालय ‘अपराधियों का अड्डा’ बन गया है. भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि सीमाशुल्क अधिकारियों को इस जब्ती के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया था.
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