BSP के ‘ब्राह्मण सम्मेलन’ से उड़ी विरोधी पार्टियों की नींद, रोकने के लिए अपना रहीं तरह-तरह के हथकंडे: मायावती

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लकेर ब्राह्मण वोट बैंक को साधने में सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच घमासान जारी है। इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने दावा किया है कि बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलन (Brahmin Sammelan) से विरोधी दलों की नींद उड़ी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे रोकने के लिए विपक्षी दल तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।


मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि मेरे निर्देशन में पार्टी महासचिव व राज्यसभा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र द्वारा यूपी में चल रही प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी, जोे ब्राह्मण सम्मेलन के नाम से काफी चर्चा में है, के प्रति उत्साहपूर्ण भागीदारी यह प्रमाण है कि इनका बीएसपी पर सजग विश्वास है, जिसके लिए सभी का दिल से आभार।


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उन्होने कहा कि अयोध्या से 23 जुलाई को श्रीरामलला के दर्शन से शुरू हुआ यह कारवाँ अम्बेडकरनगर व प्रयागराज जिलों से होता हुआ लगातार सफलतापूर्वक आगे बढ़ता जा रहा है, जिससे विरोधी पार्टियों की नीन्द उड़ी है व इसे रोकने के लिए अब ये पार्टियाँ किस्म-किस्म के हथकण्डे अपना रही हैं इनसे सावधान रहें।


बता दें कि इससे पहले सोमवार को प्रयागराज में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी विकास, कानून व्यवस्था, सर्वजनहिताय और सर्वजन सुखाय के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और समता मूलक समाज बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने 2022 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर सूबे में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भी दावा किया है।


बसपा को उम्मीद है कि वर्तमान परिस्थितियों में ब्राह्मण समाज को साथ लाकर यूपी में में 2007 का इतिहास दुहराया जा सकता है, लेकिन पार्टी की तरफ से इस बार एक बड़ा बदलाव किया गया है। इस बार पार्टी ने इसे ब्राह्मण सम्मेलन की बजाए प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी का नाम दिया है। यानी सियासत वही है लेकिन अंदाज नया है। गौरतलब है कि बसपा ने 2007 में ब्राह्मण समाज को साथ लेकर सूबे की सियासत में पहली बार सोशल इंजीनियरिंग जैसी शब्दवली प्रचलित की थी जिसके परिणाम से यूपी में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी।


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