राम मंदिर के लिए ‘प्राइवेट मेंबर बिल’ लाएंगे राकेश सिन्हा, विपक्ष को दी समर्थन की चुनौती

राम मंदिर की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक के लिए टाल दी है. लेकिन मुद्दा अभी भी गर्म है. मंदिर निर्माण को लेकर उठ रही मांग के बीच अब राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा इस पर शीत कालीन सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की तैयारी में हैं.

 

गुरुवार को राकेश सिन्हा ने ट्वीट में लिखा कि “जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना दे रहे हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं क्या वह उनके प्राइवेट बिल का समर्थन करेंगे? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का”.

 

 

राज्यसभा सांसद ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा “सुप्रीम कोर्ट ने आखिर आर्टिकल 377, जलीकट्टू, सबरीमाला पर निर्णय लेने पर कितने दिन लिए? अयोध्या का मामला उनकी प्राथमिकताओं में नहीं है, लेकिन हिंदुओं की प्राथमिकता में वह जरूर है”

 

 

राकेश सिन्हा यहीं नहीं रुके उन्होंने अपने एक और ट्वीट में राहुल गाँधी, सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और मायावती को टैग करके लिखा कि “अगर मैं राज्यसभा में राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाता हूं तो क्या कांग्रेस उस बिल का समर्थन करेगी?”

 

 

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल दी. इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदू संगठनों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा रहा है.

 

जानें क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल

संसद के दोनों सदनों में  जो सांसद मंत्री नहीं होते हैं वे एक प्राइवेट मेंबर कहलाते है. लोकसभा में ऐसे मेम्बरों की तरफ से से लाये गए बिलों को प्राइवेट मेंबर बिल कहते हैं. हालांकि प्राइवेट मेंबर बिल के पारित होने की सम्भावना कम होती है. प्रत्येक शुक्रवार को संसदीय कार्यवाही के आखिरी दो या ढाई घंटों का समय प्राइवेट मेंबर बिल के लिए मुकर्रर होता है.

 

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