समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने किसान आंदोलन को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि भारत एक ‘कृषि प्रधान’ देश है। अहंकारी भाजपा याद रखे, यहाँ ‘प्रधान’ शब्द तक ‘कृषि’ के बाद आता है। सत्ताधारी न भूलें हमारे देश में किसान ही प्रथम है और प्राथमिक भी। किसान अपना हक लेकर रहेंगे!
इससे पहले किए गए ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कों पर ठिठुरते आंदोलनकारियों की जायज मांगों को लेकर भाजपा सरकार हृदयहीन रवैया अपनाकर किसानों की घोर उपेक्षा कर रही है। इस पर जो वैश्विक प्रतिक्रिया आ रही है, उससे दुनियाभर में भारत की लोकतांत्रिक छवि को गहरी ठेस पहुंची है। भाजपा सरकार पोषण करने वालों का शोषण करना बंद करे।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से दायर याचिका में कहा है कि नए कानून उन्हें कॉर्पोरेट लालच का शिकार बना देंगे। सरकार से कई दौर की बातचीत और संशोधन प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसानों ने एक तरफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ उन्होंने न्यायपालिका का भी सहारा लिया है।
किसानों ने यह कदम केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज करने के बाद उठाया है जिसमें मोदी सरकार ने कहा है कि वह कानून के उन प्रावधानों में संशोधन को तैयार है जिनको लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है। सरकार ने एमएसपी पर लिखित में भरोसा देने की बात कही है तो यह भी आश्वासन दिया है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में करार केवल फसल के लिए होगा, इसलिए जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है। हालांकि, किसान कानूनों को वापस लेने पर अड़ गए हैं।
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किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे रेल पटरियों को भी जाम कर देंगे और इसको लेकर जल्द ही तारीख का ऐलान करेंगे। राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे और 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे को भी ब्लॉक कर देंगे।
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