किसानाों के ‘काला दिवस’ पर अखिलेश बोले- BJP के राज में अन्नदाता के साथ हो रहा अपमानजनक व्यवहार

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन को आज 6 महीने पूरे हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज देशभर में किसान काला दिवस (Black day) मना रहे हैं। सरकार के विरोध में पुतले जलाए जा रहे हैं, बॉर्डर पर एकत्र होकर हाथ में काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है। किसानों के इस काला दिवस को तमाम विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है।


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘बहाकर अपना खून-पसीना जो दाने पहुंचाता घर-घर, काला दिवस मना रहा है, आज वो देश का हलधर’। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के अहंकार के कारण आज देश में किसानों के साथ जो अपमानजनक व्यवहार हो रहा है, उससे देश का हर नागरिक आक्रोशित है। हमारे हर निवाले पर किसानों का कर्ज है।


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बता दें कि यूपी के गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों ने काला दिवस मनाया और इस दौरान केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका। आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर सरकार की तरफ से कोई भी हल नहीं निकलने पर किसानों का गुस्सा साफ देखा जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहे इस आंदोलन के नेताओं ने किसानों से आज अपने घरों के बाहर विरोध के तौर पर काले झंडे लगाने की अपील की है।


बॉर्डर पर बैठे किसान लगातार देशभर के पदाधिकारियों के संपर्क में हैं। इस बात की अपील की जा रही है कि सभी जगहों पर ये सुनिश्चित किया जाए कि प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखा जाए। हालांकि बार्डर प किसान इस बात पर ध्यान रखते नजर आए कि किसान कोरोना नियमों का पालन करें। हालांकि, सरकार के विरोध में कुछ किसान नियमों को अनदेखी भी करते दिखे।


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वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे। आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हैं। एक बार फिर किसानों ने इस बात को दोहराया कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वे इसी तरह दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे।


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