मुस्लिम देशों ने नीदरलैंड में कुरान जलाने (Quran burnt in Netherlands) के मामले पर नाराजगी जाहिर की है। सऊदी अरब और यूएई के विदेश मंत्रालय ने बयारी जारी कर इसकी निंदा की है। वहीं, कतर, कुवैत, जॉर्डन, मिस्त्र और इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी डच सरकार से अपना विरोध दर्ज कराया है। इससे पहले स्वीडन में भी कुरान जलाने की घटना सामने आई थी।
वहीं, नीदरलैंड में यह घटना संसद भवन के सामने हुई। इस्लाम विरोधी समूह पेगिडा (Pegida) के नेता एडविन वैगन्सफेल्ड ने डेन हैग में पहले तो कुरान के पन्नों को फाड़ा और फिर पैरों से उसे रौंदने के बाद कुरान में आग लगा दी। 22 जनवरी 2023 को उन्होंने ट्विटर पर इसक वीडियो भी ट्वीट किया है।
Mensen die ons kennen en volgen, weten wij geven nooit op, wij laten ons niet intimideren door gewelds en doodsbedreigingen…….geen woorden maar daden. Na 2 keer eerder direct te zijn aangehouden en te hebben vastgezeten, was vandaag de derde keer scheepsrecht! pic.twitter.com/IXqEXaODcs
— EWagensveld 👊🏻🇳🇱 VRIJHEID👊🏻 (@EWagensveld) January 22, 2023
एडविन वैगन्सफेल्ड ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में इस घटना को अंजाम दिया। फिलहाल, अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। यही वजह है कि मुस्लिम देशों के साथ ही इस्लामिक देशों के सगंठन ओआईसी ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कुरान को फाड़ने और उसे जलाने को इस्लामोफोबिया करार दिया है।
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वहीं, वैगन्सफेल्ड का कुरान जलाने का वीडियो वायरल होने के बाद पाकिस्तान के लाहौर में मंगलवार को विरोध रैली निकाली गई। इसी तरह स्वीडन में 21 जनवरी को कुरान जलाने की घटना के विरोध में कराची में मुस्लिमों ने एक रैली निकाली थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि इस तरह के कृत्य दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करते हैं।
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